भुज। कच्छ में कई प्राचीन मंदिर हैं। जहां ऐतिहासिक धरोहरों का संग्रह है। भचाऊ में एक अनोखा मंदिर है, जो संभवत: देश का पहला मंदिर है जहां हारमोनियम की पूजा की जाती है। इस मंदिर के भगवान संगीत का वाद्ययंत्र हारमोनियम है। यहां लगभग 300 हारमोनियम मौजूद हैं, जहां प्रतिदिन हारमोनियम की पूजा होती है।
मांडवी के मोटा भाडिया के मूल निवासी पलुभा विरंभा गढ़व को बचपन में भजन सुनते समय लकड़ी के बक्से से निकलने वाली विभिन्न प्रकार की धुनें सुनाई देती थीं। जिसे सुनकर उन्हें भी एक डिब्बा खरीदने का मन हुआ, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब हालत के कारण यह वाद्ययंत्र खरीदना संभव नहीं था। समय के साथ आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और साल 2012 में हारमोनियम खरीदने का सपना पूरा हुआ। इसके बाद एक-एक कर हारमोनियम इकट्ठा कर भजनधाम का निर्माण शुरू कर दिया। आज उनके संग्रह में 125 से 130 साल पुराने हारमोनियम शामिल हैं। आज भजनधाम मंदिर में लगभग 300 हारमोनियम हैं, जिसे कोई भी बजा सकता है। प्रतिदिन सुबह-शाम 300 से अधिक हारमोनियम की पूजा की जाती है। इस अनोखे हारमोनियम मंदिर की खास बात यह है कि यहां उन कंपनियों के हारमोनियम हैं जो 40-50 साल पहले बंद हो चुकी हैं। पुराने और टूटे हुए हारमोनियम खरीदे जाते हैं और मरम्मत के लिए भावनगर, अहमदाबाद, राजकोट भेजे जाते हैं, उन्हें पुनर्जीवित किया जाता है और मंदिर में संरक्षित कर दैनिक पूजा की जाती है।