Wednesday, March 19, 2025
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता का निधन, अंतिम संस्कार कल

उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे उज्जैन के एक अस्पताल में पिछले कई दिनों से भर्ती थे। जहां उनका इलाज चल रहा था। सोमवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर से उज्जैन रात 9 बजे पहुंचे। घर के बाहर लोगों की भीड़ देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सीएम के पिता का बुधवार को उज्जैन के क्षिप्रा तट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पूनमचंद यादव 100 साल की उम्र पूरी कर चुके थे। उन्होंने अपने जीवन में कड़ी मेहनत और संघर्ष के साथ अपने बेटे नंदू यादव, नारायण यादव, मोहन यादव और बेटी कलावती को अपने पैरों पर खड़ा किया। यादव समाज के लोग बताते हैं कि संघर्ष के दिनों में उन्होंने मालीपुरा में भजिए और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान लगाकर अपने बच्चों को शिक्षित किया। उम्र के इस पड़ाव में भी वे दो पहिया वाहन पर बैठकर काम करने से पीछे नहीं हटते थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया(X) पर पिता के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है- परम पूज्य पिताजी श्रद्धेय श्री पूनमचंद यादव जी का देवलोकगमन मेरे जीवन की अपूरणीय क्षति है। पिताजी का संघर्षमय एवं नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों से परिपूर्ण जीवन हमेशा मर्यादित पथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा प्रदान करता रहा है। आपके दिए संस्कार हमारा सदैव मार्गदर्शन करते रहेंगे। पिताजी के श्रीचरणों में शत शत नमन….!!

उनका इलाज मुख्यमंत्री की बेटी के अस्पताल एसएन कृष्णन अस्पताल में चल रहा था। रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद अपने पिता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। उनके निधन की खबर फैलते ही मुख्यमंत्री के निवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
केंद्रीय मंत्री व पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया (X) पर पोस्ट कर श्रद्धांजलि दी है। शिवराज सिंह ने लिखा है- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पूज्य पिताजी पूनमचंद यादव के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है। सिर से पिता का साया उठ जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। दुःख की इस विकट घड़ी में मेरी संवदेनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है। पूज्य पिताजी भले ही भौतिक रूप से साथ नहीं हैं, किंतु उनके आशीर्वाद की छांव सदैव आपके साथ है। बाबा महाकाल दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
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