अहमदाबाद। चक्रवात असना का असर कच्छ समेत तटीय इलाकों में देखा गया। कच्छ की ओर आने वाला असना चक्रवात अब कच्छ से सटे पश्चिम यानी पाकिस्तान की ओर बढ़ गया है, इससे राज्य में चक्रवात का खतरा टल गया है। यह चक्रवात भुज से 240 किमी दूर है और कराची से 160 किमी. दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
मौसम विभाग के भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच चक्रवात असना का असर कच्छ-सौराष्ट्र समेत राज्य के तटीय इलाकों में देखा गया। तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं चल रही थी और घने काले बादलों से आकाश ढका हुआ था। इस बीच कच्छ के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई है।
कच्छ के जिला कलेक्टर अमित अरोड़ा ने बताया कि सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासन ने करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था और झुग्गी-झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को अन्य भवनों में शरण लेने के लिए कहा गया था। अरोड़ा ने बताया कि चक्रवात के अरब सागर में चले जाने और पाकिस्तान की ओर बढ़ने के बाद तट पर कुछ बारिश और तेज हवा चलने के अलावा कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। अभी तक किसी प्रकार के जन-धन के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
अरब सागर में असना चक्रवात 1976 के बाद इस तरह का पहला चक्रवात है। पिछले 80 सालों में ऐसे तीन तूफान आ चुके हैं। भारतीय मौसम विभाग के एक वैज्ञानिक के अनुसार इससे पहले इस तरह का चक्रवात 1944, 1964 और 1976 के दौर में देखा गया था।