वडोदरा। पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात के कारण लोगों को भारी नुकसान और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण वडोदरा में विश्वामित्री नदी का पानी शहर में घुस गया था। आज वडोदरावासियों के लिए राहत की खबर सामने आई है। विश्वामित्री नदी का जलस्तर तेजी से घटने लगा है। बाढ़ग्रस्त इलाकों से अब पानी उतरने लगा है। भारी बारिश और विश्वामित्री नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद आधा शहर बाढ़ की चपेट में आ गया था। हजारों परिवार दूध और पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। विश्वामित्री नदी का जलस्तर घटने से वडोदरावासियों ने राहत की सांस ली है। वासण, अकोटा, जेतलपुर और दिवालीपुरा में पानी घटने लगा है। हालांकि, कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।
वडोदरा शहर में बाढ़ के कारण 29 अगस्त, गुरुवार को स्कूलों, एमएस यूनिवर्सिटी और निजी कॉलेजों में छुट्टी घोषित की गई है। अभिभावकों का यह भी कहना है कि अगर बाढ़ का पानी उतर भी गया तो सफाई की दिक्कत होगी। ऐसे में 30 अगस्त तक स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी घोषित की जानी चाहिए, ताकि अभिभावकों और विद्यार्थियों को आए दिन परेशानी न हो।
वडोदरा में बाढ़ आने से 35 वर्षीय युवक और एक अधेड़ की पानी में डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने तरसाली और हरणी रोड से दोनों के शव बरामद कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। जन्माष्टमी के दिन शुरू हुई मूसलाधार बारिश के कारण शहर में पानी भर गया था। बारिश का पानी कम होने के बाद अाजवा जलाशय से छोड़े गए पानी से विश्वामित्री नदी खतरे के निशान को पार कर गई थी। विश्वामित्री नदी के आसपास के इलाकों में पांच से छह फीट पानी भर गया था।
बता दें, विश्वामित्री नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं। जैसे ही नदी का पानी शहर के रिहायशी इलाकों में घुसा पानी के साथ मगरमच्छों का प्रवेश भी शुरू हो गया है। विश्वामित्री नदी में 400 से अधिक मगरमच्छ रहते हैं। वडोदरा के आसपास की नदियां, तालाब और नहरों में भी मगरमच्छ रहते हैं।