गांधीनगर। गुजरात विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र 21 से 23 अगस्त तक आयोजित होने वाला है। इस सत्र में सरकार पांच महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण अंधविश्वास विरोधी कानून है।
“गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अघोरी प्रथा और काले जादू उन्मूलन विधेयक 2024′ शीर्षक वाले विधेयक में अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस कानून के तहत चमत्कारों को बढ़ावा देना, भूत-प्रेत भगाने के नाम पर शारीरिक पीड़ा पहुंचाना, बुरी शक्तियों का दावा करना और अलौकिक शक्ति के नाम पर यौन शोषण जैसी गतिविधियों को अपराध घोषित किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार इस कानून के तहत दोषियों को 6 महीने से 7 साल तक की जेल और 5000 से 50,000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। हालांकि, धार्मिक अनुष्ठानों और परंपराओं को इस कानून से छूट दी गई है।
विधानसभा के इस सत्र की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 20 अगस्त को विधानसभा की कामकाज सलाहकार समिति की बैठक होगी, जिसमें सत्र की विस्तृत योजना तय की जायेगी। इस विधेयक के अलावा चार अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी इस सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में इन सभी विधेयकों को मंजूरी दे दी है।
अंधश्रद्धा विरोधी कानून के महत्वपूर्ण बिंदु
- गुजरात मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट और अंधश्रद्धा प्रथाओं का उन्मूलन और काला जादू रोकथाम विधेयक 2024″ तैयार।
- धार्मिक अनुष्ठानों और परंपराओं को छूट दी गई है।
- चमत्कारों का प्रचार-प्रसार करना अपराध होगा।
- भूत-प्रेत या डायन-चुड़ैल भगाने के नाम पर शारीरिक पीड़ा पहुंचाना अपराध होगा।
- किसी व्यक्ति में बुरी शक्ति है और उससे दूसरों को नुकसान होगा, इसका प्रचार करना भी अपराध होगा।
- सांप, बिच्छू या कुत्ते के काटने पर डॉक्टर के पास इलाज के लिए ले जाने से रोकना, झाड़-फूंक करना अब अपराध होगा।
- भूत-प्रेत या जादू-टोना करके दूसरों को नुकसान पहुंचाना भी अपराध होगा।
- भूत-प्रेत या चुड़ैल का आह्वान करके दूसरों को शारीरिक क्षति पहुंचाना भी अपराध होगा।
- गर्भधारण करने में असमर्थ महिला के साथ अलौकिक मातृत्व का दिखावा करके यौन संबंध बनाना अपराध होगा।
- उंगली से हथियार चलाना या ऐसा करने का नाटक करना भी अपराध होगा।
- प्रस्तावित कानून में प्रावधान है कि ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति को 6 महीने से 7 साल तक की सजा होगी।
- प्रस्तावित कानून में झाड़-फंूक करने वालों पर 5 हजार से 50 हजार तक के आर्थिक दंड का भी प्रावधान है।