नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार के पतन के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सनसनीखेज दावा करते हुए बांग्लादेश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा करने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। मीडिया को भिजवाए गए एक संदेश में शेख हसीना ने आरोप लगाया कि अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप न सौंपने के कारण उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ा है।
रिपोर्ट में शेख हसीना के हवाले से कहा गया है कि अगर मैं देश में रहती तो और अधिक जानें जातीं और अधिक संसाधनों और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचता। मैंने देश छोड़ने का बहुत कठिन निर्णय लिया। मैं आपका नेता बनी क्योंकि आपने मुझे चुना, आप मेरी ताकत हैं। मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि मेरी पार्टी अवामी लीग के कई नेताओं की हत्या कर दी गई है और कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और उनके घरों में तोड़फोड़ और आग लगाई जा रही है। अल्लाह की कृपा से मैं जल्द ही लौटूंगी। अवामी लीग बार-बार चुनौतियों के खिलाफ खड़ी है। मैं हमेशा बांग्लादेश के भविष्य के लिए प्रार्थना करूंगी, वह देश जिसका सपना मेरे महान पिता ने देखा और जिसके लिए काम किया। जिस देश के लिए मेरे पिता और परिवार ने अपनी जान दी है।
अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप क्यों हासिल करना चाहता है?
सेंट मार्टिन द्वीप बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक छोटा सा आईलैंड है। जो कॉक्स बाजार, टेकनाक प्रायद्वीप से 9 किलोमीटर दक्षिण में है। हजाराें साल पहले यह द्वीप टेकनाक प्रायद्वीप का हिस्सा हुआ करता था। इस द्वीप को सबसे पहले 19वीं सदी में अरब के व्यापारियों ने बसाया था और उन्होंने इसका नाम जजीरा रखा था। ब्रिटिश शासनकाल में इस द्वीप का नाम बदलकर सेंट मार्टिन रख दिया गया।
अमेरिका 9 किलोमीटर लंबे और 1.2 किलोमीटर चौड़े इस द्वीप पर कब्जा करना चाहता है। अमेरिका यहां एयरबेस बनाना चाहता है, ताकि बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में उसका प्रभुत्व स्थापित हो। वह इस द्वीप पर कब्जा करके पूरे क्षेत्र को नियंत्रित करना चाहता है, जिसमें चीन और भारत भी शामिल हैं।
सेंट मार्टिन की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां दुनिया में कहीं से भी समुद्री मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। सेंट मार्टिन द्वीप से बंगाल की खाड़ी और आसपास के पूरे समुद्री इलाके पर नजर रखी जा सकती है। यही कारण है कि सेंट मार्टिन अमेरिका के लिए इतना महत्वपूर्ण है। अमेरिका ही नहीं, चीन भी यहां अपना दबदबा कायम करना चाहता है। सेंट मार्टिन द्वीप भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है।