बनासकांठा। जिले के प्रसिद्ध शक्तिपीठ अंबाजी के नजदीक पान्छा गांव के प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका पिछले 8 साल से अमेरिका में रहती है और वहां बैठे-बैठे सरकारी तनख्वाह ले रही है। स्कूल के रिकॉर्ड में आज भी उसका नाम दर्ज है। बताया जाता है कि ग्रमीन कार्ड धारक टीचर सालभर में एक बार स्कूल में लाखों रुपए तनख्वाह लेने के लिए आती है।
अंबाजी से सात किलोमीटर दूर पान्छा गांव के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के रूप में काम करने वाली भावनाबेन पटेल पिछले 8 वर्षों से अमेरिका में बस गई हैं। आरोप है कि, उनका नाम अब भी स्कूल के रिकॉर्ड में प्रधान शिक्षिका के तौर पर चल रहा है। उनके पास ग्रीन कार्ड भी है। वह साल में केवल एक बार गुजरात आती हैं और दो लाख रुपए का वेतन ले जाती हैं।
इंचार्ज प्रिंसिपल पारुलबेन मेहता ने बताया कि उन्होंने शिक्षिका भावनाबेन पटेल के बारे में तहसील शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य के शिक्षा मंत्री को जानकारी दे चुकी हैं। सिस्टम की ओर से इस शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल के बच्चों और गांव के अभिभावकों ने कहा कि ये टीचर को तभी स्कूल में आई ही नहीं। बच्चों ने बताया कि जब वे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे तब उन्होंने इस टीचर को देखा था और आज जब वे पांचवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं तब भी उन्होंने इस टीचर को नहीं देखा है।
शिक्षामंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा- विदेश में रहने वाले सभी शिक्षकों की जानकारी मंगाई जाएगी
इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि विदेश में रहने वाले सभी शिक्षकों और कर्मचारियों की जानकारी मंगाई जाएगी और सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। ड्यूटी से अनुपस्थित और विदेश में रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जायेगी।