ढाका। बांग्लादेश अभी भी हिंसा की आग में जल रहा है। 4 अगस्त को देश में हिंसा शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया और उन्हें देश छोड़कर भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारत आने के बाद हसीना कुछ कारणों से ब्रिटेन जाना चाहती थी, लेकिन ब्रिटेन ने कुछ नियमों का हवाला देते हुए उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया है।
ब्रिटेन ने कहा, “हमारे आव्रजन नियम किसी व्यक्ति को शरण मांगने या अस्थायी निवास के लिए आने की अनुमति नहीं देते हैं। ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि किसी व्यक्ति को केवल उसी देश में शरण लेनी चाहिए जहां वह सबसे पहले सुरक्षित पहुंच गया हो।
ब्रिटिश गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, यदि कोई सुरक्षा चाहता है, तो उसे वहीं शरण लेनी चाहिए जहां वह सबसे पहले पहुंचा है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन में शरण मांगी है या नहीं। देश में हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना को सोमवार को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा।
गौरतलब है कि 1972 से सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी सीटें शेख मुजीबुर रहमान की सेना के उन जवानों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षित थीं, जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. 2018 में शेख हसीना की सरकार ने इस आरक्षण को रद्द कर दिया, लेकिन जैसे ही जून में हाईकोर्ट ने दोबारा आरक्षण लागू करने का आदेश दिया, छात्र सड़कों पर उतर आए। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को तब राहत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए आरक्षण को घटाकर पांच प्रतिशत और अन्य सभी श्रेणियों के लिए आरक्षण को केवल दो प्रतिशत कर दिया और आदेश दिया कि 93 प्रतिशत सीटें योग्यता के आधार पर भरी जाएंगी। मामला अब राजनीतिक हो गया है, 4 अगस्त से बांग्लादेश में फिर से हिंसा शुरू हो गई है, जिसके चलते शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। बांग्लादेश में भड़की हिंसा में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अगर शेख हसीना को ब्रिटेन में शरण नहीं मिली तो उन्हें किसी दूसरे देश में जाना होगा। उन्हें दूसरे देश से मंजूरी मिलने तक भारत में ही रहना होगा। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय एजेंसियां भी चाहती हैं कि शेख हसीना ज्यादा समय तक यहां न रहें, क्योंकि उनके यहां रहने से बांग्लादेश में भारत विरोधी माहौल बन सकता है। भारत के लिए बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि वहां पाकिस्तानी एजेंसियां हावी हो सकती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार शेख हसीना को भारत में रखकर ढाका से रिश्ते खराब नहीं करना चाहेगी।