नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट-खोत्सेन (आईएसआईएल-के) भारत में व्यापक हमला करने में विफल रहने के बाद, भारत में मौजूद अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अकेले ही हमलों को अंजाम दे सकें।
आईएसआईएल-के, अलकायदा और उससे जुड़े व्यक्तियों और संस्थाओं पर संयुक्त राष्ट्र ने एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएन के सदस्य देशों ने चिंता जताई है कि अफगानिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद से क्षेत्र में असुरक्षा पैदा होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बड़े पैमाने पर हमला करने में नाकाम होने पर आईएसआईएल-के भारत में अपने आकाओं के माध्यम से ऐसे लड़ाकों की भर्ती करना चाहता है जो अलग-अलग जगहों पर अकेले हमला कर सकें। इस आतंकवादी संगठन ने उर्दू में एक पुस्तिका जारी की है। जिसमें कहा गया है कि आईएसआईएल-के इस क्षेत्र में सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है, जो अफगानिस्तान से परे आतंक फैला रहा है।
तहरीक-ए-तालिबान-ए-पाकिस्तान (टीटीपी), अल-कायदा और ओक्यूआईएस के बीच समर्थन और सहयोग बढ़ गया है। अफगानिस्तान में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप हैं। वे तहरीक जिहाद और पाकिस्तान के नाम पर और भी घातक हमले कर रहे हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान-ए-पाकिस्तान (टीटीपी) अन्य आतंकवादी संगठनों को आश्रय प्रदान करता है। TTP और OQIS का संभावित गठजोड़ खुद पाकिस्तान के लिए भी खतरनाक हो सकता है। मुख्य रूप से यह भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के कुछ सदस्य देशों का अनुमान है कि आईएसआईएल (के) आतंकवादियों की संख्या 4,000 से बढ़कर 6,000 हो गई है।
भारत पर बड़ा संकट; इस्लामिक स्टेट रच रहा है खतरनाक साजिश, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
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