सूरत। गुरुवार को बारिश न होने से लोगों को थोड़ी राहत हुई, पर आसमान में दिनभर घने बादल छाए रहे। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया है। शहर से होकर बहने वाली खाड़ियों(नालों) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सूरत के कई इलाकों में खाड़ियों का पानी घुस गया है। इससे बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। खाड़ियों के किनारे बसे लाेगों के घरों में गंदा पानी घुसने से परेशानी बढ़ गई है। दुकानों और घरों में पानी भरने से सुरतियों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोग पिछले चार दिनों से बिना बिजली और पानी से रहे हैं। उनके घरों में रखे अनाज तथा अन्य सामग्रियां भी पानी में भीग गई हैं। सूरत में बारिश की आफत अब लोगों के घरों तक पहुंच गई है और लोगों के घरों में बारिश का पानी भर गया है और सीवेज बैक लेने से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। गंदे पानी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से लोगों का रात में सोना हराम हो गया है। भारी बारिश के कारण सीमाड़ा खाड़ी उफान पर है। इससे सड़कों पर पानी भर गया है। सड़क पर जलजमाव के कारण वाहन चालकों की हालत खराब हो रही है।
सूरत शहर के वराछा, पासोदरा, कठोदरा, वेलंजा, राजीवनगर, सरथाणा व्रज चौक, साणिया हेमाद, सरोली गांव, भेदवाड खाड़ी के आसपास बाढ़ का पानी भरने के बाद कई लोगों का रेस्क्यू किया गया। वराछा जोन, सरथाणा, लिंबायत, उधना ए-बी, अठवा जोन में 955 लोगों को स्थानांतरित करके 17 हजार फूड पैकेट बांटे गए। भारी बारिश के कारण सरथाणा के आदर्श निवासी आश्रम शाला में पानी भरने के बाद 38 लड़कों, 57 लड़कियों और 16 अन्य कर्मचारियों सहित कुल 111 को सरथाणा कम्युनिटी हॉल में स्थानांतरित किया गया। जहां उनके रहने और खाने की सुविधा मुहैया कराई गई। उधर, कलेक्टर ने सूरतवासियों से सावधान रहने और आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के नंबर पर संपर्क करने को कहा है।
सूरत में लगातार झमाझम बारिश होने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पलसाणा के चलथान गांव की खाड़ी में डूबने से 52 वर्षीय संजय भाऊराव पवार की मौत हो गई है। जबकि मांडवी तहसील की मोरन खाड़ी में मछली पकड़ने गए पुराने काकरापार बंगले तोई पालिया के निवासी 42 वर्षीय परेश मधुभाई चौधरी और 52 वर्षीय अजीत वंशीभाई चौधरी पानी के बहाव में बह गए।