अहमदाबाद। सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 (आरटीआई) अधिनियम में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। गुजरात सूचना आयोग ने विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक प्रशासनिक रिपोर्ट में राज्य सरकार को कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। इन सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 13 मई, 2025 के परिपत्र के माध्यम से आरटीआई अधिनियम में बड़े बदलाव किए हैं। जिसमें नागरिकों को अब सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया में 5 पेज तक की जानकारी मुफ्त मिलेगी।
गुजरात में आरटीआई अधिनियम में नए संशोधन किए गए हैं। जिसमें अब सूचना मांगने वाले आवेदकों को पांच पेज तक की जानकारी मुफ्त में दी जाएगी। वहीं, अगर कोई आवेदक ई-मेल या ऑनलाइन के जरिए जानकारी मांगता है, तो सरकारी विभागों को फोटो खींचकर जानकारी भेजनी होगी। इसके साथ ही जब आवेदक को अभिलेख के स्व-निरीक्षण के लिए बुलाया जाएगा, तो उसे उपलब्ध कराई जाने वाली सूचना की फोटो खींचकर पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस (जैसे पेन ड्राइव) में ले जाने की अनुमति होगी। इसके बाद भी सूचना को भौतिक रूप में नहीं भेजना होगा।
सभी प्रथम अपील अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि जन सूचना अधिकारी द्वारा प्रस्तुत विवरण और प्रथम अपील के विवरण को ध्यान में रखते हुए प्रथम अपील का विस्तृत आदेश बनाया जाए और उस आदेश का जन सूचना अधिकारी द्वारा पालन किया जाए। इससे अपील प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता आएगी। नागरिकों द्वारा बार-बार मांगी जाने वाली सूचना को प्रोएक्टिव डिस्क्लोजर (पीएडी) में शामिल करने को कहा गया है। यह सूचना नागरिकों को निःशुल्क या निर्धारित मूल्य पर या मुद्रण की लागत पर उपलब्ध कराई जाएगी।
अवैध निर्माण और दबाव के संबंध में राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के रिकॉर्ड, साथ ही जारी किए गए विभिन्न परमिट, लाइसेंस, अनुमति, प्राधिकरणों की स्वीकृति का विवरण स्वचालित रूप से प्रकाशित किया जाएगा। इसके अलावा, नागरिक/आवेदक को आवेदन करने के बाद उनके आवेदन की प्रगति के बारे में सूचित रखने के लिए, सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों को एक ऐसी प्रणाली स्थापित करने का निर्देश दिया गया है, जहां नागरिक/आवेदक को अनुमोदन के प्रत्येक चरण में संदेश/ई-मेल के माध्यम से स्वचालित रूप से सूचित किया जाता है। इससे आवेदकों को अपने आवेदन की स्थिति के बारे में बार-बार पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं होगी। ये संशोधन गुजरात में आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन को और मजबूत करेंगे और सार्वजनिक प्रशासन में सच्ची पारदर्शिता और जवाबदेही लाने में मदद करेंगे।