Wednesday, June 4, 2025
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मनमुटाव भुलाकर फिर एक होगा पवार परिवार, चाचा-भतीजे की मुलाकात के ये हैं सियासी मायने

मुंबई। विधानसभा चुनाव के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति लगातार चर्चा में है। संकेत मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र के पवार परिवार में उत्तराधिकार और विरासत को लेकर विवाद खत्म होने वाला है। महाराष्ट्र की राजनीति में इस विषय पर काफी समय से चर्चा होती रही है। इस अटकलबाजी ने तब जोर पकड़ा जब शरद पवार के पोते और उनके खास दोस्त रोहित पवार ने अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी-एसपी के बीच विलय की संभावना जताई। रोहित पवार से इन दोनों गुटों के विलय को लेकर सवाल पूछा गया। जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला सुप्रिया सुले लेंगी। जिससे संकेत मिलते हैं कि दोनों परिवार फिर से साथ आ सकते हैं। गौरतलब है कि दोनों परिवारों के विलय के दावों को दोनों परिवारों के सदस्य पहले ही खारिज कर चुके हैं। एकता के मुद्दे पर शरद पवार ने भी कोई साफ जवाब नहीं दिया है। लेकिन पता चला है कि दोनों परिवारों के बीच सुलह कराने की जिम्मेदारी सुप्रिया सुले पर डाली गई है। वह विदेश यात्रा से लौटने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगी।
सुप्रिया सुले इस समय ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार के एक डेलीगेशन मिशन पर हैं। वे 5 जून को भारत लौटेंगी। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार गुट के साथ विलय के मुद्दे पर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है। सुप्रिया सुले वापस आने के बाद कोई ठोस फैसला लेंगी। ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि शरद पवार बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे हैं। लेकिन शरद पवार का राजनीतिक इतिहास चौंकाने वाला रहा है। उनके बयानों और हरकतों में कई बदलाव आए हैं। इसलिए, जब तक इस मामले में आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती, तब तक कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आएगी।

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