ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया है। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना पर पिछले साल देशव्यापी विद्रोह के दौरान नरसंहार का आदेश देने का आरोप है। मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम और उनकी टीम ने हसीना के खिलाफ ये आरोप दायर किए हैं।
ढाका न्यायाधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजकों ने हसीना को हिंसक कार्रवाइयों के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें कई नागरिक मारे गए थे। हसीना के दो पूर्व सहयोगियों, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी मामून को भी मामले में सह-आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ता इस्लाम ने कहा कि साक्ष्यों से साफ पता चलता है कि यह कार्रवाई शेख हसीना के इशारे पर की गई थी। यह एक बड़ा हमला था और इसका नेतृत्व शेख हसीना ने किया था।
इससे पहले 12 मई को बांग्लादेश में हुई हिंसा पर एक रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि जुलाई और अगस्त में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हत्याओं के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसमें यह भी कहा गया था कि शेख हसीना ने सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
बता दें, जुलाई और अगस्त के दौरान बांग्लादेश में भारी हिंसा हुई थी। भीड़ शेख हसीना के आवास तक पहुंच गई थी। मामला इतना गंभीर हो गया कि शेख हसीना को 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी, वे अभी भी भारत में हैं।
बांग्लादेश में शेख हसीना को हो सकती है फांसी की सज़ा? मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप
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