नई दिल्ली। कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश निलय वी. अंजारिया को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी। इसके अलावा गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विजय बिश्नोई और बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एएस. चंदूकर को भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दी गई है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर. गवई ने गुजरात के न्यायमूर्ति निलय अंजारिया सहित 3 न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन दिन पहले ही इन तीनों न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी। केंद्रीय विधि मंत्रालय और सरकार द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज आखिरकार आधिकारिक मंजूरी दे दी।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा विभिन्न उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए अनुशंसित पांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में गुजरात के मूल निवासी और गुजरात उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश तथा वर्तमान में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विपुल मनुभाई पंचोली को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा की गई।
सुप्रीम कोर्ट में तीन नए न्यायाधीशों के शामिल होने के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या 34 हो जाएगी। न्यायमूर्ति निलय वी. अंजारिया मूल रूप से कच्छ के मांडवी के रहने वाले हैं, उनके दादा सुबोधभाई अंजारिया और पिता विपिनभाई अंजारिया भी मांडवी न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता थे।
न्यायमूर्ति एनवी. अंजारिया का जन्म 23 मार्च 1965 को अहमदाबाद में हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और 1988 से गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत शुरू की। उन्होंने 1989 में कानून में स्नातकोत्तर किया। 2011 में वे गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 2013 में स्थायी न्यायाधीश बने। उन्होंने 21/11/2011 से फरवरी 2024 तक गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और 25/02/2024 को उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।