ट्रेड कोर्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनकी गलत नीतियों के लिए फटकार लगाई है। अमेरिकी ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप की वैश्विक टैरिफ नीति को अवैध घोषित किया है। कोर्ट ने कहा है कि आपातकालीन शक्तियों के तहत विभिन्न देशों पर ट्रंप की ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ योजनाएं अमेरिकी संविधान का उल्लंघन करती हैं। मैनहट्टन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के तीन जजों के पैनल ने 2 अप्रैल को लिबरेशन डे के दौरान विभिन्न देशों पर लगाए गए टैरिफ को अवैध घोषित किया है। ट्रंप ने अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सामानों पर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया था। उन्होंने चीन और यूरोपीय देशों सहित विभिन्न देशों पर उच्च टैरिफ की भी घोषणा की। ट्रेड कोर्ट ने इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। 3 ट्रंप ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के तीन जजों के पैनल ने कहा कि अमेरिकी संविधान के तहत केवल अमेरिकी कांग्रेस को विदेशी देशों के साथ व्यापार को विनियमित करने का अधिकार है। राष्ट्रपति को नहीं। ट्रंप ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम का उपयोग करके टैरिफ लगाया है। लेकिन यह संविधान की सीमाओं का उल्लंघन करता है। राष्ट्रपति द्वारा टैरिफ लगाने का दावा राष्ट्रपति की सीमा के अंतर्गत नहीं आता है। कानून उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं देता है। ये टैरिफ अवैध हैं। आपातकालीन शक्तियों के तहत भी राष्ट्रपति को सीमित अधिकार प्राप्त हैं।
ट्रंप सरकार ने तर्क दिया कि 1971 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने आपातकालीन शक्ति अधिनियम के तहत टैरिफ लगाया था। उस समय कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति दी थी। कोर्ट को राष्ट्रपति के आपातकाल को मान्यता देने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस को है। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को वैध नहीं मानते हुए खारिज कर दिया।
ट्रंप को बड़ा झटका, अमेरिकी कोर्ट ने ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर रोक लगाई
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