नई दिल्ली। जर्मन चांसलर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है। जर्मनी की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद चांसलर ने कहा कि भारत को अपनी रक्षा के लिए आतंकवादियों पर हमला करने का अधिकार है। भारत ने पाकिस्तान के इरादों को नाकाम कर दिया। हम इस बात पर स्पष्ट हैं कि दोनों देशों को अपने विवादों को मिलकर ही सुलझाना होगा। किसी अन्य देश की इसमें कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।
जर्मनी के समर्थन से भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद के मुद्दे पर बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। जर्मन चांसलर और विदेश मंत्री जोहान वेडफुल ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत को आत्मरक्षा में आतंकवादियों पर हमला करने का पूरा अधिकार है। उसने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का खुलकर समर्थन किया है और पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। भारत में आतंकवादी हमला निंदनीय है। आत्मरक्षा के अधिकार के तहत भारत की प्रतिक्रिया पूरी तरह से उचित है।
सूत्रों के अनुसार जर्मनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद को दोनों पक्षों के बीच बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए। किसी अन्य देश की इसमें कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान जहां हमेशा से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर समेत अन्य मुद्दों को उठाकर मध्यस्थता की मांग करता रहा है, वहीं जर्मनी ने पाकिस्तान की इस नीति को कड़ी चुनौती दी है। दूसरी ओर, भारत यह भी कहता रहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और बातचीत तभी हो सकती है जब पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता छोड़ दे।
अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अब जर्मनी जैसे देशों से भारत को मिला स्पष्ट समर्थन इस बात का संकेत है कि दुनिया अब आतंकवाद के मुद्दे पर आम सहमति पर पहुंच रही है। विशेषकर जब यह आतंकवाद भारत जैसे सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करता है, तो इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति मजबूत हुई है और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की उसकी रणनीति को बल मिला है।