नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की टिप्पणी के बाद पार्टी में आंतरिक मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने थरूर के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर बयान देकर लक्ष्मण रेखा पार की है।
इस विवाद के बीच शशि थरूर ने गुरुवार को सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा, वह एक भारतीय नागरिक के तौर पर कहा था, न कि पार्टी की ओर से। थरूर ने कहा कि उन्होंने सरकार का समर्थन भारतीय होने के नाते किया था। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के समय मैंने एक भारतीय के तौर पर बात की। मैंने कभी किसी और के लिए बोलने का दावा नहीं किया। उन्होंने साफ कहा कि वह पार्टी के स्पोक्सपर्सन नहीं हैं और ही वह सरकार के ही प्रवक्ता हैं। वह अपने व्यक्तिगत विचार रख रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में जब देश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने दृष्टिकोण को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहा है, सभी भारतीयों को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा समय है जब हमें झंडे के चारों ओर एकजुट होना चाहिए। मैंने जो कहा, वह राष्ट्रीय विमर्श में योगदान था।
हालांकि, थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है और वह केवल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर ही बातें सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग मेरे विचारों से असहमत हो सकते हैं, यह उनका अधिकार है, लेकिन मुझे पार्टी की ओर से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है।