नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्की और अजरबैजान से संबंध तोड़ने शुरू कर दिए हैं। जिन भारतीयों ने इन देशों की यात्रा के लिए बुकिंग कराई थी, उन्होंने अपनी टिकटें कैंसल करवानी शुरू कर दी हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह भारतीय पर्यटकों ने इन देशों के प्रति बहुत कम उत्साह दिखाया है। इसी अवधि के दौरान, अजरबैजान और तुर्की में टिकट बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि टिकट रद्दीकरण में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अपने देश के साथ एकजुटता और अपने सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, हम इस भावना का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और सभी को अजरबैजान और तुर्की की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह देते हैं। हमने अपने प्लेटफॉर्म पर पर्यटकों को इन दोनों स्थलों पर जाने के लिए प्रोत्साहित करने वाले सभी विज्ञापनों और ऑफरों को पहले ही रोक दिया है।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में तुर्की द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल हमारी भावनाओं के खिलाफ है। हमने इन दोनों देशों को पर्यटन क्षेत्र में काफी मदद की है। विशेषकर कोरोना महामारी के बाद, हमने उनका और अधिक समर्थन किया। पिछले वर्ष भारत से 330,000 लोग तुर्की गये। तुर्की की अर्थव्यवस्था में हमारा लगभग 4000 करोड़ रुपये का निवेश है। हमारे बीच व्यापार की मात्रा भी बहुत बड़ी है। लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनका मानना है कि तुर्की और अजरबैजान की यात्रा बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। 50 प्रतिशत बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। हमारे बड़े टूर ऑपरेटरों ने टिकट बेचना बंद कर दिया है क्योंकि पर्यटन का संबंध शांति और लोगों के बीच संबंधों से है।