नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूरे देश में चिप आधारित ई-पासपोर्ट सेवा शुरू की है। देश में इस नई सुविधा के शुरू होने से विदेश यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को कई लाभ होंगे, साथ ही आव्रजन प्रक्रिया, सुरक्षा और संपर्क ट्रेसिंग सरल हो जाएगी। देश में इस नई पहल के शुभारंभ के साथ ही भारत अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और कनाडा जैसे 120 देशों में शामिल हो गया है, जो पहले से ही ई-पासपोर्ट का उपयोग कर रहे हैं।
ई-पासपोर्ट एक इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज है। इसके पीछे RFID चिप और एंटीना लगा है। यह चिप पासपोर्ट धारक का नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर, चेहरा और फिंगरप्रिंट जैसी बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत जानकारी संग्रहीत करती है। यह डेटा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विनियमों BAC, PA और EAC के अनुसार एन्क्रिप्ट किया गया है।
ई-पासपोर्ट सेवा का पायलट प्रोजेक्ट पहले चरण में नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, गुजरात के सूरत, रायपुर, अमृतसर, रांची, दिल्ली जैसे शहरों में लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने जून 2025 तक इसे पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा है।
यात्रियों के लिए ई-पासपोर्ट के लाभ
ई-पासपोर्ट आव्रजन प्रक्रिया को सरल और अधिक आधुनिक बना देगा। यात्री अब ई-गेट के माध्यम से स्वचालित और संपर्क रहित प्रक्रियाओं के माध्यम से प्रवेश कर सकेंगे। इस नई सुविधा से प्रतीक्षा समेत कई परेशानियां खत्म हो जाएंगी और यात्री आसानी और आराम से यात्रा कर सकेंगे।
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
ई-पासपोर्ट प्राप्त करने के इच्छुक नागरिक पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। उन्हें निकटतम पासपोर्ट सेवा केंद्र या डाकघर पासपोर्ट केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक जानकारी देनी होगी। निकट भविष्य में ई-पासपोर्ट में डिजिटल वीज़ा, मोबाइल पासपोर्ट वॉलेट, आधार और डिजीलॉकर एकीकरण जैसी सुविधाएं जोड़ी जा सकती हैं। यह सुविधा पर्यटकों की यात्रा को पूरी तरह डिजिटल और कागज रहित बना देगी।