रूद्र प्रयाग। उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट खुलने के बाद रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। इस दौरान केदारनाथ में रहस्यमयी वायरस फैलने की खबरें सामने आई हैं। यहां वायरस के कारण दो दिनों में 14 घोड़े और खच्चरों की मौत हो गई है। इसके अलावा 152 पशु भी पॉजिटिव पाए गए हैं। इस घटना के बाद प्रशासन ने घोड़े और खच्चर की सवारी पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। उधर, संक्रमण से पशुओं की मौत के बाद केंद्र सरकार ने तत्काल दिल्ली से एक टीम रुद्रप्रयाग भेज दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, रुद्रप्रयाग जिले में घोड़ों और खच्चरों में इक्विन इन्फ्लूएंजा वायरस फैलने की सूचना मिलने के बाद पशुपालन विभाग तुरंत हरकत में आ गया है और पशुओं की जांच और उपचार शुरू कर दिया है। विभाग ने 4 से 30 अप्रैल तक 16,000 से अधिक घोड़ों और खच्चरों की जांच की तथा उनके नमूने एकत्र किए।
स्वास्थ्य अधिकारी तुरंत पशुओं के सीरम नमूने लेने के लिए पहुंचे और 152 पशुओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि, पशुओं की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद पिछले दो दिनों में 14 पशुओं की मौत होने से हड़कंप मच गया है। सरकार और प्रशासन की टीम को सतर्क कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने और स्थिति को नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए हैं।
पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम रुद्रप्रयाग पहुंच गए हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि पशुओं की मौत इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और हरियाणा की एक विशेष टीम जांच के लिए रुद्रप्रयाग आ रही है। टीम की जांच के बाद ही पशुओं की मौत के कारणों का पता चल सकेगा। फिलहाल केदारनाथ में घोड़े-खच्चरों की आवाजाही पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं से पैदल या पालकी से यात्रा करने की अपील की गई है। प्रतिबंध के दौरान पशुओं को संभालने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।