अहमदाबाद। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद गुजरात सरकार अलर्ट हो गई है और विभिन्न इलाकों से पाकिस्तानियों की तलाश की जा रही है। वहीं अहमदाबाद और सूरत से भी चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही है। ऐसा दावा किया जाता है कि दोनों प्रमुख शहरों में छापेमारी के दौरान महिलाओं और पुरुषों सहित एक हजार से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें अहमदाबाद से 890 और सूरत से 134 बांग्लादेशी घुसपैठियों को हिरासत में लिया गया है। इन लोगों के दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जानकारी मिल रही है कि अहमदाबाद में हिरासत में लिए गए 400 लोगों को कांकरिया फुटबॉल मैदान ले जाया गया।
जानकारी के अनुसार 6 टीमें गठित कर सभी संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है तथा उनके दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी सूरत के सचिन, ऊन, लालगेट और लिंबायत समेत कई इलाकों में की गई। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में दावा किया है कि इन लोगों के पास भारत सरकार द्वारा मान्य आधार कार्ड भी थे। अहमदाबाद के चंदोला झील क्षेत्र से 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, बताया जा रहा है कि ये सभी संदिग्ध बांग्लादेशी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 48 घंटे के भीतर पाकिस्तानियों को वापस भेजने का आदेश दिया था। राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने पाकिस्तानी नागरिकों को पहले ही अल्टीमेटम दिया था। जानकारी के अनुसार, विदेशी घुसपैठियों के खिलाफ यह कार्रवाई अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा की गई। क्राइम ब्रांच के साथ ही एसओसी, ईओडब्ल्यू और जोन 6 मुख्यालय की टीमों ने इस जांच में शामिल रहीं, जिसमें 890 संदिग्ध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार को सूरत पुलिस आयुक्त कार्यालय से गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों, रेंज प्रमुखों और कानून व्यवस्था व आईबी के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर अभियान तेज करने और बांग्लादेशियों की सभी गतिविधियों की विस्तृत जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। दूसरी ओर, शनिवार को राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने अहमदाबाद पुलिस आयुक्त कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अभियान की विस्तृत जानकारी दी।
राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने कहा कि फर्जी दस्तावेज बनाने वाले बंगाली आपराधिक नेटवर्क की जांच जारी है। गिरफ्तार बांग्लादेशियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके मूल देश बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा।
इसके अलावा गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को चेतावनी दी है कि वे दो दिन के भीतर स्वेच्छा से पुलिस थाने में आत्मसमर्पण करें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अवैध घुसपैठियों को शरण देने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
इनमें से अधिकांश बांग्लादेशी बंगाल के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके गुजरात सहित भारत के विभिन्न राज्यों में रह रहे थे। संयुक्त पूछताछ केंद्र में विस्तृत जांच की जा रही है। बांग्लादेशियों को पहले भी नशीले पदार्थों, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।