अहमदाबाद। केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के कारण वक्फ संपत्तियों का मुद्दा सुर्खियों में है। दिलचस्प बात यह है कि गुजरात में पिछले तीन सालों में वक्फ संपत्तियों से कोई आय नहीं हुई है। 6 साल पहले गुजरात की वक्फ संपत्तियों से आय 19.78 करोड़ रुपये थी, लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 वित्तीय वर्षों में यह आय शून्य हो गई है।
वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में कुल 45,358 वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें से 39,940 अचल संपत्तियां हैं, जबकि 5,480 चल संपत्तियां हैं। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले 15 वित्तीय वर्षों यानी 2010-11 से 2024-25 तक गुजरात में वक्फ संपत्तियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय में भारी बदलाव आया है। दस साल पहले गुजरात में वक्फ संपत्तियों से आय 7,66,38,172 रुपये थी और 2018-19 में यह आय बढ़कर 19.78 करोड़ रुपये हो गई। पिछले तीन वर्षों में यह आय शून्य हो गयी है।
यह वेबसाइट अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रबंधित की जाती है और इसमें देश के हर राज्य में वक्फ संपत्तियों से संबंधित सभी विवरण शामिल हैं। प्रत्येक राज्य के प्रत्येक तहसील में कितनी वक्फ संपत्तियां हैं और वे किस प्रकार की हैं, इसका विवरण इस वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह विश्वसनीय डेटा है, इसलिए इसके विवरण पर कोई संदेह नहीं हो सकता।
वर्ष 2019-20 में वक्फ संपत्तियों से कुल 4,94,54,311 रुपये यानि करीब 4.94 करोड़ रुपये की आय हुई। 2020-21 में आय घटकर 4,53,11,463 रुपये रह गई। 2021-22 में आय घटकर 36,130,212 रुपये रह गई। माना जा रहा है कि कोरोना के कारण आय में कमी आई है, लेकिन अब आश्चर्य की बात सामने आई है। वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया (WAMSI) वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में गुजरात में वक्फ संपत्तियों से घोषित शुद्ध आय शून्य रही है।