अहमदाबाद। गुजरात में 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली की तैयारियां जोरों पर हैं। अहमदाबाद में मोटेरा के निकट ओलंपिक खेलों के लिए स्टेडियम के निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गुजरात सरकार ने मोटेरा के निकट ओलंपिक स्टेडियम के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करने हेतु तीन आश्रमों को नोटिस जारी किया है। मोटेरा स्थित आसाराम आश्रम के अलावा अहमदाबाद जिला कलेक्टर ने तीन आश्रमों, भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल को 140 एकड़ जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया है।
गुजरात सरकार अहमदाबाद में सरदार पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव का निर्माण कर रही है, जिसमें ओलंपिक स्तर का स्टेडियम होगा। इस खेल परिसर के पास ओलंपिक गांव सहित अन्य ओलंपिक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस उद्देश्य के लिए तीन आश्रमों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और नोटिस जारी कर दिए गए हैं। आसाराम आश्रम, भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल तीनों आश्रमों की करीब 140 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, इसलिए इन तीनों आश्रमों को जमीन खाली करने को कहा गया है। कुल 140 एकड़ भूमि में से आसाराम आश्रम के पास लगभग 120 एकड़, जबकि भारतीय सेवा समाज और सदाशिव प्रज्ञा मंडल के पास शेष 20 एकड़ भूमि है। राज्य सरकार ने ओलंपिक की मेजबानी के लिए 650 एकड़ भूमि पर एक विशाल परिसर बनाने के लिए ओलंपिक मास्टर प्लान तैयार किया है। चार गांवों – मोटेरा, सुघड़, भाट और कोटेश्वर से कुल 650 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी। इस मास्टर प्लान के अनुसार 280 एकड़ भूमि पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न खेलों के लिए स्टेडियम और अभ्यास समेत अन्य खेल सुविधाएं होंगी। 240 एकड़ में ओलंपिक गांव बनाया जाएगा, जिसमें खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और सहयोगी स्टाफ के लिए आवास की सुविधा होगी। इसके अलावा, साबरमती रिवरफ्रंट पर 50 एकड़ में फैला एक और बुनियादी ढांचा परिसर स्थापित किया जाएगा, जिसमें आगमन और प्रस्थान सहित अन्य सुविधाएं होंगी। गुजरात सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा निर्धारित करने हेतु अहमदाबाद नगर निगम आयुक्त, औडा के सीईओ और अहमदाबाद जिला कलेक्टर की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। आसाराम आश्रम के मामले में यह संभावना नहीं है कि सरकार कोई मुआवजा देगी, क्योंकि आसाराम आश्रम ने आश्रम बनाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है। अहमदाबाद जिला कलेक्टर ने भी आसाराम आश्रम को नोटिस जारी कर उस पर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से भवन निर्माण का आरोप लगाया है। इसके अलावा कलेक्टर ने यह भी आरोप लगाया है कि आसाराम आश्रम ने चैरिटेबल ट्रस्ट को आवंटित भूमि का व्यवसाय के लिए उपयोग करके नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए समिति का मत है कि आसाराम आश्रम को कोई मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए।