नई दिल्ली। यमुना नदी की सफाई को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्य सचिव उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने जनता को नदी से जोड़ने के लिए जनभागीदार आंदोलन शुरू करने की सलाह दी। इस बैठक में यमुना की सफाई के लिए अल्पकालिक (3 माह), मध्यम अवधि (3 माह से 1.5 वर्ष) और दीर्घकालिक (1.5 वर्ष से 3 वर्ष) योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में नाला प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज और डेयरी अपशिष्ट प्रबंधन, औद्योगिक अपशिष्ट, नदी प्रवाह में सुधार और बाढ़ क्षेत्र सुरक्षा जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली के जल प्रबंधन के लिए ‘शहरी नदी प्रबंधन योजना’ तैयार की जाएगी। इस योजना को शहर के मास्टर प्लान से जोड़ा जाएगा ताकि शहर के विकास और जल प्रबंधन के बीच समन्वय बना रहे।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 मार्च को दिल्ली विधानसभा में 1 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। जिसमें यमुना की सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाएंगे। 40 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। भारत सरकार से 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मांगी गई है।