नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बीच मंगलवार को हुई मुलाकात और बुधवार को लगातार दूसरे दिन भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। ऐसी अटकलें हैं कि भाजपा में जल्द ही बड़ा संगठनात्मक बदलाव हो सकता है और नए पार्टी अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है।
हालांकि पार्टी के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री की राष्ट्रपति से मुलाकात को एक औपचारिक प्रक्रिया बताया है, जिसमें प्रधानमंत्री देश के महत्वपूर्ण मुद्दों और अपनी विदेश यात्राओं के बारे में जानकारी दी है। लेकिन सूत्रों के अनुसार बैठक में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भी चर्चा हो सकती है, जिसमें विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की गई है। सरकार अब इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पश्चिम बंगाल में हिंसा और वक्फ विधेयक को लेकर फैलाया जा रहा झूठा प्रचार भी गंभीर मुद्दे हैं। जिसमें सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए इन्हें भी प्राथमिकता से हल करने की जरूरत है।
कुछ आंतरिक मुद्दों के साथ-साथ संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा तेज हो गई है। जून 2024 में तीसरी बार सरकार बनने के बाद से केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। आने वाले महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसके बाद 2026 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी चुनाव होने हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों में नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की, जिसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन यह बैठक मंगलवार को अमित शाह और राजनाथ सिंह की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुई बैठक के तुरंत बाद हुई, जिससे संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है।