नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के यमुनानगर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस पर संविधान की अनदेखी करने का आरोप लगाया और वक्फ अधिनियम का विरोध करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को मुसलमानों से इतना ही प्यार है तो वह उन्हें पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती। चुनावों में आधे से अधिक टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं दिए जाते?
कांग्रेस पर सत्ता के लिए संविधान का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस हमेशा सत्ता हथियाने के लिए संविधान को हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है। कांग्रेस ने कट्टरपंथी मुसलमानों को खुश करने के लिए वक्फ अधिनियम 2013 में संशोधन किया। चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कानून बनाकर संविधान को कमजोर कर दिया। अगर कांग्रेस को मुसलमानों से इतना ही प्यार है तो वह किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती, चुनावों में आधे से ज्यादा टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देती? कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान का मजाक उड़ाया। सत्ता बरकरार रखने के लिए संविधान की भावना का उल्लंघन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान का उद्देश्य सभी के लिए न्याय और समानता लागू करना है। न्याय की एक समान संहिता होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने इसे लागू नहीं होने दिया। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने पर धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता लागू की गई। लेकिन देश का दुर्भाग्य देखिये, जो लोग संविधान को जेब में रखकर चलते थे, वही इसका विरोध करने लगे। कांग्रेस सरकार ने कर्नाटक में निविदाओं में धर्म आधारित आरक्षण लागू किया। जिसका संविधान में कोई प्रावधान नहीं है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने बाबासाहब के साथ क्या किया? जब तक बाबासाहब जीवित थे, कांग्रेस ने उनका अपमान किया। वह दो बार चुनाव हार गये। कांग्रेस ने तो उनकी स्मृति मिटाने की भी कोशिश की। कांग्रेस बाबासाहब के विचारों को हमेशा के लिए नष्ट करना चाहती थी। डॉ. अंबेडकर संविधान के रक्षक थे, लेकिन कांग्रेस संविधान की विध्वंसक बन गई। देश में एससी, एसटी और ओबीसी को दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता था। जबकि कांग्रेस नेताओं को स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं प्राप्त थीं, गांवों में 100 घरों में से केवल 16 में ही पाइप से पानी की आपूर्ति थी और सबसे अधिक प्रभावित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग थे। उन्होंने कहा कि आज जो लोग गली-गली जाकर भाषण दे रहे हैं, उन्हें कम से कम हमारे एससी, एसटी और ओबीसी भाइयों के घरों में पानी तो पहुंचाना चाहिए था।
कांग्रेस को किसी की परवाह नहीं है। वह केवल अपने स्वार्थ के लिए ही निर्णय लेती है। इससे गरीब मुसलमानों को नुकसान हो रहा है। वक्फ अधिनियम भी ऐसा ही था। इससे केवल चरमपंथियों और अमीरों को ही वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण हासिल करने का मौका मिला। लेकिन अब नए संशोधित कानून से सभी खुश हैं। अब नए वक्फ कानून के तहत, ये वक्फ बोर्ड हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी आदिवासी की जमीन या संपत्ति को छू नहीं सकेगा। नये प्रावधान वक्फ की पवित्र भावना का सम्मान करेंगे। मुस्लिम समुदाय के गरीब और हाशिए पर पड़े परिवारों, महिलाओं, विशेषकर मुस्लिम विधवाओं और बच्चों को उनके अधिकार मिलेंगे और उनके अधिकारों की रक्षा भी की जाएगी। यही वास्तविक सामाजिक न्याय है।