अहमदाबाद। बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों को रिजल्ट का इंतजार है। इस बीच विपक्ष ने भाजपा सरकार की शिक्षा नीति पर हमला बोला है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुजरात बोर्ड के नतीजों का उदाहरण देकर हमला बोला है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर एक न्यूज रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें लिखा है- गुजरात बोर्ड रिजल्ट: 10वीं में 157 स्कूलों में शून्य छात्र पास। अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा- गुजरात मॉडल फेल हो गया है। गुजरात के 157 स्कूलों में एक भी छात्र 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाए। भाजपा हटाओ, भविष्य बचाओ।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी अखिलेश यादव के इस पोस्ट को रीशेयर किया और गुजरात के शिक्षा मॉडल को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा- यह गुजरात मॉडल है… जिसे वे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। यह एक दोहरे इंजन वाला मॉडल है। वे पूरे देश को अशिक्षित रखना चाहते हैं। मुझे एक भी ऐसा राज्य बताइए जहां भाजपा की सरकार हो और उन्होंने वहां शिक्षा को नष्ट न किया हो। इसी मॉडल के तहत ये लोग अब दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें, गुजरात बोर्ड के जिस नतीजों को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है, वह 2023 का है। दो साल पहले, गुजरात बोर्ड ने दसवीं के परिणाम घोषित किए गए थे। जिनमें कुल 4,74,893 छात्र उत्तीर्ण हुए थे। कक्षा 10 बोर्ड का औसत परिणाम 64.62% था। राज्य के 272 स्कूलों का परिणाम 100% रहा तथा 1084 स्कूलों में 30% से कम विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। हालांकि, 157 स्कूल ऐसे थे जहां एक भी विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए थे। इस साल गुजरात दसवीं बोर्ड की परीक्षा 27 फरवरी से 13 मार्च 2025 तक आयोजित की गई थी। इस साल, लगभग 8 लाख छात्रों ने बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था। दसवीं बोर्ड के परिणाम अभी घोषित नहीं हुए हैं। आमतौर पर बोर्ड परीक्षा के परिणाम मई के तीसरे या चौथे सप्ताह में घोषित किए जाते हैं।
इस मामले पर प्रदेश के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कहा कि मैंने इतने नकली और धोखेबाज नेता कभी नहीं देखे। गुजरात बोर्ड के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं, लेकिन अखिलेश यादव और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल द्वारा सोशल मीडिया पर फर्जी नतीजे शेयर किए जा रहे हैं। यह गलत सूचना फैलाने और जनमत को प्रभावित करने का स्पष्ट प्रयास है। इन नेताओं को बच्चों को अपनी गंदी राजनीति में घसीटने का कोई अधिकार नहीं है।

गुजरात कांग्रेस ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि गुजरात में शिक्षा का पतन हो गया है। स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, सरकार भर्ती नहीं कर रही है और विरोध करने वाले शिक्षकों को जेल में डाल दिया जा रहा है। गुजरात कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कोरोना के दौरान शिक्षकों को श्मशान घाट में शव गिनने के लिए भेज दिया गया था, शिक्षकों को विभिन्न कार्यों में उलझाया जा रहा है, तो फिर शिक्षक छात्रों को पढ़ाने का काम कब करेंगे? भाजपा सरकार में शिक्षा व्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।