ढाका। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बांग्लादेश की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल और 17 अन्य के खिलाफ एक और गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन लोगों पर धोखाधड़ी के जरिए आवासीय भूखंड हासिल करने का आरोप लगाया गया है।
दरअसल, बांग्लादेश भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसे ढाका मेट्रोपोलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने स्वीकार कर लिया है। अदालत ने कहा कि आरोपी फरार है, इसलिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के वकील मीर अहमद सलाम ने कहा कि अदालत ने शेख हसीना, उनकी बेटी और 17 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। न्यायाधीश ने पूर्वाचल क्षेत्र में आरएजेयूके द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि से संबंधित आरोपों की सुनवाई के लिए आयोग को 4 मई को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
2024 में बांग्लादेश में भीषण हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। इसके बाद 12 जनवरी 2025 को शेख हसीना और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। चार्जशीट के मुताबिक, साइमा वाजेद ने प्लॉट हासिल करने के लिए अपनी मां शेख हसीना को प्रभावित किया, जो नियमों का उल्लंघन था।
इससे पहले, बांग्लादेश के लिए अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण ने हसीना, उनके राजनीतिक सहयोगियों, वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराध और जबरन गायब करने के आरोपों में दो गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। एसीसी ने बुधवार को उन आरोपों की नए सिरे से जांच शुरू की, जिनमें कहा गया है कि हसीना, उनकी छोटी बहन शेख रेहाना और एक पूर्व अधिकारी ने मुजीब की शताब्दी समारोह के लिए 4,000 करोड़ रुपये बर्बाद किए। एसीसी ने आरोप लगाया कि यह राशि राष्ट्रीय खजाने से खर्च की गई।
शेख हसीना और उनकी बेटी की मुश्किलें बढ़ीं, भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट ने एक और गिरफ्तारी वारंट जारी किया
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