लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू किया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का असर दिख रहा है। मिशन शक्ति फेज-5 के जरिए सरकार ने महिलाओं, बच्चों और आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में ‘दस के दम’ नाम से 10 बड़े अभियान चलाकर अपराधियों की कमर तोड़ दी है।
यूपी सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 10 अभियान शुरू किए हैं। इनमें ऑपरेशन त्रिनेत्र, मजनू, गरुड़, बचपन, खोज, रक्षा, ढाल, विनाश और नशामुक्ति शामिल हैं। इस अभियान के माध्यम से अब तक एक लाख से अधिक अपराधियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है। इस दौरान 227 कुख्यात अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं।
डीजीपी ने कहा, ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत पूरे राज्य में 11 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों की मदद से लूट और हत्या जैसे 5,718 गंभीर मामले सुलझाए गए हैं। ऑपरेशन मजनू के तहत महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ करने वाले 58,624 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। यह विशेष अभियान स्कूलों, कॉलेजों एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों में चलाया गया। इसके अलावा, ऑपरेशन ईगल के तहत जेल से रिहा किए गए 7,963 अपराधियों पर नजर रखी गई, जिनमें से 2,683 को दोबारा पकड़ लिया गया। ऑपरेशन बचपन और खोज ने बाल श्रम, भीख मांगने और गुमशुदा बच्चों पर काम किया। जिसमें 2,860 बच्चों को बचाया गया, जबकि 3,327 लापता बच्चों को ढूंढकर घर भेजा गया। ऑपरेशन नशा मुक्ति के तहत 4,750 नशे के अड्डों की पहचान की गई और 33 हजार से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। ऐसे में ऑपरेशन गरुड़ के जरिए महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों को रोकने का प्रयास किया गया।
इसमें सामने आया है कि राज्य में अपराध में भारी कमी आई है। लगातार सख्त कार्रवाई और तकनीक का इस्तेमाल कर यूपी पुलिस ने अपराधियों में डर पैदा किया है। ‘दस के दम’ जैसे अभियानों से सुरक्षा के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है।