अहमदाबाद। इसरो के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. मधुकांत पटेल ने कृषि पर कई शोध किए हैं। डॉ. मधुकांत पटेल ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जो मृदा परीक्षण की पद्धति में क्रांति ला सकता है। वैज्ञानिकों ने एक एआई-आधारित स्पेक्ट्रोस्कोपी उपकरण विकसित किया है जो कृषि क्षेत्र में किसानों के समय और संसाधनों की बचत करता है और आम किसान भी आसानी से अपने खेतों में मिट्टी का परीक्षण कर सकते हैं।
किसानों और कृषि पर गहन शोध करने के बाद, इसरो के रिटायर्ड वैज्ञानिक डॉ. मधुकांत पटेल ने एआई आधारित स्पेक्ट्रोस्कोपी डिवाइस विकसित की है। जिसमें मिट्टी का परीक्षण किया जाता है। डॉ. मधुकांत पटेल का उपकरण मिट्टी पर तीन प्रकार की रोशनी डालकर मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा को मापता है। उन्होंने नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग करके धातु की छड़ें विकसित की हैं जो मिट्टी के संपर्क में आने पर उसके अन्य गुणों को भी माप सकती हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह उपकरण मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ, ह्यूमस और कार्बनिक पदार्थ को भी माप सकता है, जो प्राकृतिक कृषि के लिए बहुत उपयोगी है।
डॉ. मधुकांत द्वारा निर्मित एआई-आधारित स्पेक्ट्रोस्कोपी उपकरण को राज्य सरकार के कृषि निदेशालय द्वारा उपकरण अंशांकन के लिए अनुमोदित किया गया है। डॉ. पटेल कहते हैं, यह उपकरण जमीन में डालकर मात्र 10-15 सेकंड में मिट्टी का परीक्षण कर रिपोर्ट दे देता है। इससे खेत की मिट्टी का बार-बार और तेजी से परीक्षण किया जा सकता है।