कोलंबो। भारत और श्रीलंका ने शनिवार, 5 अप्रैल, 2025 को रक्षा सहयोग के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय सहयोग का खाका प्रस्तुत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों की सुरक्षा परस्पर जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर निर्भर है। इस रक्षा समझौते को रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह समझौता श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के हस्तक्षेप के लगभग चार दशक बाद हुआ है।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए श्रीलंका में त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में संयुक्त रूप से विकसित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान तीनों देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस सौदे से चीन के साथ भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जिसकी सरकारी ऊर्जा कंपनी सिनोपेक ने श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह शहर हंबनटोटा में 3.2 अरब डॉलर की लागत से एक तेल रिफाइनरी बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सामपुर सौर ऊर्जा संयंत्र श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा में मदद करेगा। बहु-उत्पाद पाइपलाइन बनाने और त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के समझौते से श्रीलंका के सभी लोगों को लाभ होगा।
दोनों देशों के बीच ग्रिड इंटरकनेक्शन समझौते से श्रीलंका के लिए बिजली उत्पादन के विकल्प भी खुलेंगे। भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और दृष्टिकोण में श्रीलंका का विशेष स्थान है।
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