सूरत। कारखानों में हीरा तराशने वाले कारीगर रविवार, 30 अप्रैल को अचानक हड़ताल पर उतर गए। कारीगरों ने रविवार को सुबह साढ़े नौ बजे कतारगाम दरवाजा में नंदू डोशी की वाड़ी, किरण चौक से वराछा हीरा बाग तक रैली निकाली। डायमंड वर्कर यूनियन के अध्यक्ष रमेश जिलरिया और उपाध्यक्ष भावेश टांक ने हड़ताल का एेलान किया था और रेली की अगुवाई कर रहे थे।
डायमंड वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष भावेश टांक ने बताया कि कारीगरों को रैली में शामिल होने से रोका गया। इसके बावजूद भारी संख्या में कारीगर रैली में शामिल हुए। भावेश टांक ने बताया कि हीरे के कारखानों में कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार के पास भी कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की कोई जानकारी नहीं है। टांक ने कहा कि मजदूरों की हड़ताल साेमवार को भी जारी रहेगी। कारीगर कारखानों में काम नहीं करेंगे। कारीगरों की हड़ताल को देखते हुए वराछा और कतारगाम के अधिकांश हीरे के कारखानों में दो दिन के अवकाश की घोषणा कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह 11:47 बजे कारीगरों की रैली वराछा मिनी बाजार में सरदार पटेल की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद आगे बढ़ी। रैली के रूट में भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था।
भावेश टांक ने बताया कि हीरे के कारखानों में मंदी के कारण पिछले 18 महीने में 62 कारीगर आत्महत्या कर चुके हैं। इसके बावजूद गुजरात और केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। भावेश टांक ने बताया कि रैली निकालने के बाद कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया।