गांधीनगर। गुजरात भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने गांधीनगर विधानसभा में पेश किया। इस विधेयक को कांग्रेस का भी समर्थन प्राप्त था। विधेयक का समर्थन करते हुए विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि कानून को फुलप्रूफ बनाएं ताकि भविष्य में इसमें संशोधन न करना पड़े।
मंत्री राजपूत ने यह संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा कि प्रदेश के शहरों के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिक सरकार के विभिन्न कानूनों के तहत शर्तों के उल्लंघन के कारण एक निश्चित राशि का भुगतान करने के बाद मकान या सोसायटी में रह रहे हैं। यह विधेयक ऐसे निर्माणों को संक्रमणकालीन क्षेत्र घोषित करके, उन्हें विनियमित करके तथा उन्हें वैधानिकता प्रदान करके उन्हें नियमित करने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
गुजरात भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक, 2025 विधानसभा में पेश किया गया। इस बारे में कांग्रेस पार्टी के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि राजस्व मंत्री जो गुजरात भूमि राजस्व (संशोधन) विधेयक 2025 लेकर आए हैं, उसमें गणौत अधिनियम और भूमि राजस्व अधिनियम शामिल हैं। जिनमें एक साथ सुधार किया जाएगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने जमीन की बिक्री रोकने के लिए 8 किलोमीटर का कानून भी लाया। नई जमीन दिए जाने के बाद भी, उन जमीनों को पीढ़ियों तक संरक्षित रखा गया और परिवार को पीढ़ियों तक सहायता दी गई। लेकिन जिस तरह से इसमें सुधार किया गया और बदलाव की अंधी दौड़ शुरू हुई और नई शर्त की जमीनों को पुरानी शर्त में परिवर्तित किया गया। जिसमें 8 किलोमीटर का कानून हटा दिया गया। जिसके कारण शहरीकरण की ओर रुझान बढ़ा है। विशेषकर तब जब हम कृषि भूमि को गैर-कृषि उपयोग के लिए अनुमति देते हैं, भले ही हमारे पास ऑनलाइन एनए हो। अनुमति प्रक्रिया भी ऑनलाइन की जाती है। 1976 से लेकर 2019 तक कई सुधार किए गए, लेकिन अब जो सुधार हम ला रहे हैं, वे दोहराए नहीं जाएंगे?