कराची। आतंकवाद और आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रहे पाकिस्तान को उसके मित्र चीन ने बड़ी दुविधा में डाल दिया है। बलूचिस्तान में ट्रेन अपहरण और नौशेखी में सेना के काफिले पर हमले में पाकिस्तानी सरकार की विफलता की बड़ी किरकिरी हो रही है, वहीं उसके खास दोस्त चीन ने भी उसे बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। पाकिस्तान में चीन की कई परियोजनाएं चल रही हैं, इसलिए पाकिस्तान में हो रही इन घटनाओं से चीन तनाव में है, जिसके चलते उसने पाकिस्तान पर कड़े सुरक्षा इंतजाम के मुद्दे पर दबाव बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में वर्तमान स्थिति अत्यंत भयावह है। यहां बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के बढ़ते प्रभुत्व ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के लिए खतरा बढ़ा दिया है। चीन ने इस परियोजना पर अरबों रुपए खर्च किए हैं। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य और पाकिस्तान मामलों के विशेषज्ञ तिलक देवाशर ने कहा कि चीन बलूचिस्तान में विशेष सुरक्षाकर्मी तैनात करना चाहता है।
देवाशर ने कहा कि बलूचिस्तान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान किसी भी हालत में वहां चीनी सैनिकों को तैनात करने की स्थिति में नहीं है। पाकिस्तान ग्वादर परियोजना और उसकी सड़क परियोजना में शामिल चीनी कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहा है। इस क्षेत्र में कई चीनी कर्मचारी काम कर रहे हैं और वे बीएलए के निशाने पर हैं। ऐसी स्थिति में चीन पाकिस्तान को दिए गए कर्ज के पैसे वापस मांग सकता है और उस पर जुर्माना भी लगा सकता है। पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी लोगों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इस बीच, चर्चा है कि चीन अब पाकिस्तान में अपने सुरक्षा बलों को तैनात करना चाहता है और इसके लिए पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है। पिछले महीने कराची हवाई अड्डे पर हुए बम विस्फोट में दो चीनी इंजीनियर मारे गए थे। दोनों इंजीनियर थाईलैंड में छुट्टियां बिताने के बाद काम पर लौटे थे। सूत्रों के अनुसार, चीन अब पाकिस्तान में काम कर रहे इंजीनियरों की सुरक्षा के लिए सेना तैनात करने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तान मुश्किल में, चीन ने अरबों का जुर्माना लगाने का अल्टीमेटम दिया
RELATED ARTICLES