नई दिल्ली। पंजाब के मोहाली में नए एयरपोर्ट चौक के पास लंबे समय से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद शंभू और खनौज बॉर्डर पर हालात बिगड़ गए। डल्लेवाल के साथ सरवन सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटडा व अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया। सरकार ने शंभू और खनौरी सीमाओं से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करते हुए 200 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया है। दोनों सीमाओं पर 3000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही टेंट व अन्य सामान हटाने का काम भी जोरों पर शुरू हो गया है। जेसीपी द्वारा घटनास्थल से कई टेंटों को ध्वस्त कर दिया गया है। इनमें से प्रत्येक नेता किसानों की मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं और सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को पूरा करने की अपील कर रहे हैं।
पंजाब पुलिस द्वारा बुधवार को मोहाली में किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में लेने के बाद किसानों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान 200 से ज्यादा किसानों को वहां से हटाकर हिरासत में ले लिया गया है। जानकारी के अनुसार शंभू और खनौज दोनों बॉर्डर पर करीब 3000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। फिलहाल दोनों सीमाओं पर लगे मंच, टेंट व अन्य सामान समेत सभी उपकरण हटाए जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार खनौज बॉर्डर पर 200 किसानों को हिरासत में लिया गया है। जबकि शंभू बॉर्डर पर 300 किसान मौजूद हैं, उन्हें भी जल्द ही हिरासत में लिया जा सकता है। किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद खनौज सीमा के आसपास संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। इसके अलावा पंजाब के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
बुधवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की वार्ता हुई थी। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे। पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां बैठक में उपस्थित थे। इस बैठक में किसानों की मुख्य मांगों पर चर्चा की गई। इनमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी, बिजली दरों में वृद्धि नहीं करना, किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेना और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय जैसी मांगें शामिल हैं। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि किसान नेताओं के साथ चर्चा सकारात्मक रही है और अगली बैठक 4 मई को होगी।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों का ठोस समाधान लेकर आएगी। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। इससे पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। डल्लेवाल ने कहा कि मुझे एमएसपी की कानूनी गारंटी के संबंध में सरकार से संतोषजनक जवाब की उम्मीद है।