मंुबई। महाराष्ट्र के नागपुर में कल भड़की हिंसा में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 100 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस घटना को पूर्व नियोजित बताया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा कि यह हिंसा योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। साथ ही इस साजिश में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया है। दूसरी ओर, विपक्षी नेताओं ने नागपुर हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र को दूसरा मणिपुर बनाने का आरोप लगाया है।
नागपुर हिंसा पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि जब अफवाहें फैल रही थीं तो मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। मुख्यमंत्री के अपने शहर में ऐसी घटना कैसे हो सकती है? यदि ऐसी कोई घटना होती है तो सबसे पहला संदेश सीएमओ, गृह विभाग को जाता है। ये दोनों विभाग मुख्यमंत्री के अधीन हैं। तो फिर उन्हें इस घटना के बारे में क्यों नहीं पता चला? मेरा अनुमान है कि भाजपा महाराष्ट्र को मणिपुर बनाना चाहती है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने नागपुर हिंसा को लेकर भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नागपुर में हुई हिंसा के पीछे कोई वजह नहीं है। यहीं पर आरएसएस का मुख्यालय स्थित है। यह देवेन्द्र फडणवीस का निर्वाचन क्षेत्र भी है। यहां कोई भी हिंसा फैलाने की हिम्मत नहीं करेगा। यह अपने ही लोगों से हिंदुओं पर हमला करवाने और उन्हें अपना पक्ष लेने के लिए धमकाने का एक नया तरीका है।
भाजपा विधायक राम कदम ने इस घटना के लिए अबू आजमी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार को बदनाम करने के लिए पूर्व नियोजित हिंसा थी। जब कांग्रेस सत्ता में थी तो एएसआई ने औरंगजेब के मकबरे की सुरक्षा की थी।
नागपुर हिंसा पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि सबसे भड़काऊ भाषण सरकार की ओर से ही आ रहे हैं। वे अपनी जिम्मेदारी से अवगत नहीं हैं। महाराष्ट्र में एक विशेष सम्राट का पुतला जलाया गया और जब इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो कपड़ों पर कुरान की आयतें लिखकर उसे जला दिया गया। इस घटना के संबंध में हिंदुओं और मुसलमानों ने डीसीपी से शिकायत की। लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की गई।