नागपुर। सोमवार, 17 मार्च 2025 को महाराष्ट्र के नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए औरंगजेब की मजार को जलाने का प्रयास किया। इस घटना को लेकर रात करीब साढ़े आठ बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई। नागपुर में दो समूहों के बीच झड़प में कई पुलिसकर्मी और कई लोग घायल हो गए। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई, आग लगा दी गई तथा पथराव भी किया गया। डीसीपी निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया है। एक डीसीपी समेत चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हालांकि, हालात को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस टीमें और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात कर दिया गया है। हिंदू संगठनों का कहना है कि उनकी मांगें बहुत पुरानी हैं और उसी के विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने इसे एक प्रतीकात्मक कदम बताया।
नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद धारा 163 लगा दी गई है। पुलिस ने दंगाइयों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने कुछ दंगाइयों को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और नितिन गडकरी ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
मुस्लिम समुदाय ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस दौरान इस्तेमाल की गई चादरों पर धार्मिक ग्रंथ लिखे गए थे, जिन्हें बाद में जला दिया गया। यह देखकर समुदाय के लोगों ने महाल में शिवाजी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने की कोशिश की, लेकिन तनाव कम नहीं हो सका। विरोध प्रदर्शन के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग गणेश पेठ पुलिस स्टेशन पहुंच गए और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की। पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए महाल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। लोगों का आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी इस तरह की बर्बरता कैसे कर सकते हैं?
नागपुर के संयुक्त आयुक्त निसार तंबोली ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस मामले में दोषियों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।