नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ लंबी बातचीत की। इस पॉडकास्ट में उन्होंने अपने बचपन, सार्वजनिक जीवन में अपनी यात्रा सहित कई विषयों पर चर्चा की। लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पॉडकास्ट में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बारे में भी बात की और कहा कि ‘यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध से पूरी दुनिया को नुकसान हुआ है और खाद्य, ईंधन, उर्वरक (3एफ) का संकट पैदा हो गया है। दोनों देश एक ही मेज पर आकर बैठें, परिणाम मेज पर तय किए जाएंगे, युद्ध के मैदान में नहीं। बातचीत में भारत की संस्कृति, शांति और वैश्विक रणनीति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं विश्व नेताओं से हाथ मिलाता हूं, तो ऐसा मोदी नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीय करते हैं। मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि भारत की शाश्वत संस्कृति और विरासत की जड़ों में निहित है।
जब वे 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया ताकि दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय शुरू हो सके। शांति प्रयास के बाद भी विश्वासघात हुआ। पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं। वे आतंकवादियों से थक गये हैं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन पाकिस्तान को होश आएगा और वह शांति का रास्ता अपनाएगा। 2002 से पहले गुजरात में 250 दंगे हुए थे। 1969 में दंगे छह महीने तक जारी रहे। 2002 के बाद स्थायी शांति स्थापित हुई। सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन न्यायपालिका ने दो जांच के बाद क्लीन चिट दे दी।
चीन के साथ संबंध भविष्य में भी मजबूत बने रहेंगे। शी और मेरी मुलाकात के बाद सीमा पर स्थिति सामान्य हो गई है। संघर्ष के स्थान पर प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता है।
उन्होंने हाउडी मोदी कार्यक्रम में मेरा भाषण सुना। और कहा चलो स्टेडियम का चक्कर लगाते हैं। बिना एक क्षण भी इंतजार किए वे मेरे साथ चल दिए, जिससे सुरक्षा व्यवस्था में हलचल मच गई। मुझे लगा कि ट्रम्प में साहस है और उन्होंने अपने निर्णय स्वयं लिये। दूसरी बात यह है कि वे मोदी पर भरोसा करते हैं। वे सुरक्षाकर्मियों से पूछे बिना ही हजारों लोगों की भीड़ के बीच से गुजर गए। यहां तक कि जब उन पर गोलियां चलाई जा रही थीं, तब भी ट्रम्प अडिग और दृढ़ दिखाई दिए। वे कहते हैं अमेरिका पहले, मैं कहता हूं भारत पहले। इसीलिए हमें एक साथ जोड़ा गया है।
आरएसएस को समझना आसान नहीं है। आरएसएस जीवन में एक स्पष्ट दिशा प्रदान करता है। राष्ट्र ही सब कुछ है, लोगों की सेवा करना ईश्वर की सेवा करने के बराबर है।
मैं उस देश से आता हूं जो गांधी और बुद्ध की भूमि है। हम शांति चाहते हैं, संघर्ष नहीं। रूस और यूक्रेन दोनों के साथ हमारे घनिष्ठ संबंध हैं।