नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन एक बार फिर मुश्किलों में घिर गए हैं। दो दिन पहले कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था और आज गृह मंत्रालय ने सिसोदिया और जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने आज, 13 मार्च को दिल्ली के उपराज्यपाल सचिवालय को सूचित किया कि भ्रष्टाचार के मामले में दोनों आप नेताओं की जांच की अनुमति दे दी गई है।
दरअसल, मनीष सिसोदिया शराब नीति और सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच का सामना कर रहे हैं। दोनों नेता फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दोनों मामलों की जांच में तेजी आने की संभावना है। इससे पहले 11 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले की सुनवाई करते हुए केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। केजरीवाल पर अपने प्रचार अभियान के दौरान बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए जनता के पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप है।
अदालत ने द्वारका में होर्डिंग्स लगाने के लिए सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग के मामले में उनके और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। होली के बाद केजरीवाल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। 2019 में द्वारका में बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को लेकर अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की पार्षद नितिका शर्मा ने जानबूझकर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया है। अदालत ने 11 मार्च को याचिका पर सुनवाई की और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।