वॉशिंगटन। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले की साजिश में शामिल तहव्वुर राणा ने अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के तहत अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक आपातकालीन याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाता है, तो उसे पाकिस्तानी मुस्लिम होने के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज करते हुए याचिका खारिज कर दी। इससे मुंबई आतंकवादी हमले के षड्यंत्रकारी को बड़ा झटका लगा है।
राणा ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फाॅन नाइन्थ सर्किट में याचिका दायर की थी। 64 वर्षीय राणा को फिलहाल लॉस एंजिल्स के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। राणा ने 13 फरवरी को दायर याचिका के आधार पर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग की थी। अपनी याचिका में राणा ने तर्क दिया है कि भारत को उसका प्रत्यर्पण करना प्रत्यर्पण के विरुद्ध अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन है। इसके अलावा, वह स्वयं पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है और उस पर उत्पीड़न का खतरा है।
उसने दावा किया कि मेरे खराब स्वास्थ्य को देखते हुए, भारतीय जेलों में मेरा प्रत्यर्पण मृत्युदंड के समान होगा। उसने जुलाई 2024 के मेडिकल रिकॉर्ड अदालत में पेश किए, इससे पता चला कि वह कई जानलेवा बीमारियों से पीड़ित है। उसने बताया है कि कई बार दिल का दौरा पड़ चुका है और वह पार्किंसन रोग से भी पीड़ित है। राणा ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि उसके प्रत्यर्पण पर रोक नहीं लगाई गई तो उसके मामले की समीक्षा नहीं होगी और अमेरिकी अदालत अपना अधिकार क्षेत्र खो देगी। इन परिस्थितियों में आवेदक की शीघ्र ही मृत्यु हो जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उन्होंने कुख्यात राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। ट्रम्प प्रशासन ने यह निर्णय जनवरी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी समीक्षा याचिका खारिज किये जाने के बाद लिया। जिसके अनुसार उसे भारत में न्याय की कोशिश करनी होगी।
प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की मांग रहे तहव्वुर राणा को तगड़ा झटका, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
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