जोहन्सबर्ग। अबू धाबी के बाद बोचासन निवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) अब दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में दक्षिणी ध्रुव पर सबसे बड़ा मंदिर बना रही है। यह मंदिर जोहान्सबर्ग के सबसे व्यस्त और खूबसूरत लांसेरिया कॉरिडोर में 37,000 वर्ग मीटर में बनाया जा रहा है। बीएपीएस के अनुसार, मंदिर और सांस्कृतिक परिसर के निर्माण का पहला चरण पूरा हो चुका है और यह अगले तीन वर्षों में यानी 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह दक्षिणी ध्रुव पर सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर होगा।
पिछले साल फरवरी में अबू धाबी में मध्य पूर्व के प्रथम हिन्दू मंदिर का उद्घाटन करने के बाद बीएपीएस ने दक्षिण अफ्रीका में मंदिर निर्माण का कार्य पूरे जोर-शोर से शुरू कर दिया है। पिछले महीने मंदिर के 33,000 वर्ग मीटर के सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन वर्तमान गुरु महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में किया गया था और अब दूसरे चरण में 2,500 वर्ग मीटर के पारंपरिक मंदिर परिसर पर काम शुरू होगा।
बीएपीएस दक्षिण अफ्रीका के प्रवक्ता हेमंग देसाई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका की अपनी पिछली यात्रा के दौरान मंदिर परियोजना का अनावरण किया था। हमें विश्वास है कि वे इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका में जी-20 शिखर सम्मेलन (22 और 23 नवंबर) के दौरान पुनः मिलेंगे। 33,000 वर्ग मीटर में फैले इस भवन का काम पूरा हो चुका है। मंदिर की नींव का काम पूरा हो चुका है और मंदिर तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। भगवान स्वामी नारायण, उनके शिष्य अक्षर पुरुषोत्तम जी, राधाकृष्ण, सीताराम, शंकर पार्वती, गणपति जी, तिरुपति बालाजी, हनुमानजी, कार्तिक मुरुगन स्वामी की मूर्तियां जयपुर और तिरुपति सहित भारत के विभिन्न शहरों से लाई गई हैं।
अबू धाबी के बाद अब अफ्रीका में बन रहा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, 2027 तक शुरू होंगे दर्शन
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