Saturday, March 15, 2025
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614 साल बाद पहली बार मां भद्रकाली रथ में सवार होकर नगरचर्चा पर निकलीं, जगह-जगह भव्य स्वागत

अहमदाबाद। आज अहमदाबाद के 614वें स्थापना दिवस पर भद्रकाली माताजी की नगर शोभायात्रा निकाली गई। सुबह की आरती के बाद माता की पादुकाओं को रथ पर रखा गया और फिर रथ नगर भ्रमण के लिए रवाना हुआ। अहमदाबाद के लोगों ने अब तक नगर देवता भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आनंद लिया है, लेकिन अब अहमदाबाद की नगर देवी देवी भद्रकाली भी अपने भक्तों को दर्शन देने आई हैं।
प्रदेश के मंत्री जगदीश पांचाल और मेयर प्रतिभा जैन ने पहिंद विधि करके रथ को प्रस्थान कराया। 6.25 किलोमीटर लंबी रथयात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जगह-जगह रथयात्रा का भव्य स्वागत किया गया। भद्रकाली की नगर यात्रा में कई अखाड़े भी शामिल हुए हैं। अहमदाबाद के 614वें स्थापना दिवस के अवसर पर माताजी की रथ यात्रा निकाली गई, अहम बात यह है कि माताजी की मूर्ति स्थापित की गई है, इसलिए माताजी के पंजे रथ में रखे गए हैं। रथयात्रा के दौरान नगरवासियों को बूंदी का प्रसाद दिया जा रहा है। तीन द्वारों से प्रारंभ होकर देवी मां का रथ बाबा माणेकनाथ समाधि स्थल, माणेकचौक, दानपीठ, नगर निगम कार्यालय, खमासा, पगथिया होते हुए जमालपुर जगन्नाथजी मंदिर पहुंचा। नगर देवता के मंदिर में विश्राम करने के बाद महालक्ष्मी मंदिर और अन्य स्थानों से होते हुए रथ अपने मंदिर लौट आएगा।
मंदिर से जुड़े लोगों का कहना है कि मंदिर की स्थापना राजा कर्णदेव ने की थी और मुगल काल के पहले तक हर साल मंदिर में तीर्थयात्रा का आयोजन किया जाता था। बाद में कुछ कट्टरपंथी शासकों ने इस तीर्थयात्रा को रोक दिया। इसके अलावा, हिंदू और जैन संप्रदायों के स्मारकों, मंदिरों और इतिहास को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया। इस कारण भद्रकाली मंदिर की तीर्थयात्रा भी बंद हो गई। उसके बाद कभी भी शहर में माता की यात्रा निकालने का अवसर नहीं आया और न ही किसी ने इसकी पहल की।

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