नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले महीने मॉरीशस की यात्रा पर जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी 12 मार्च को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने इस समारोह के लिए प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा था। पीएम मोदी के निमंत्रण स्वीकार करने के बाद नवीन रामगुलाम ने खुद संसद में इस बात की जानकारी दी। भारत लंबे समय से मॉरीशस के साथ संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मॉरीशस गए हैं। मॉरीशस हिंद महासागर में स्थित एक छोटा सा द्वीप देश है। यह अफ्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट पर मेडागास्कर से 800 किमी पूर्व में स्थित है। मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है, मॉरीशस की राजधानी पोर्ट लुईस है। मॉरीशस को 12 मार्च 1968 को ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई। यहां की जनसंख्या लगभग 12 लाख है। यहां की लगभग 70% जनसंख्या भारतीय मूल की है। मॉरीशस की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, जबकि फ्रेंच और क्रियोल भी व्यापक रूप से बोली जाती है। इसके अलावा यहां कई भारतीय भाषाएं बोली जाती हैं, जिनमें भोजपुरी और हिंदी भी शामिल है। मॉरीशस आए अधिकांश मजदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के निवासी थे जो भोजपुरी बोलते थे। यही कारण है कि भोजपुरी यहां की लोकप्रिय भाषा बन गयी। आज भी मॉरीशस में लोग भोजपुरी समझते और बोलते हैं। मॉरीशस टाइम्स वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार, मॉरीशस की कुल जनसंख्या 12 लाख से अधिक थी। इनमें से 5.3% लोग भोजपुरी बोलते हैं, जबकि 2000 की जनगणना के अनुसार 12.1% लोग भोजपुरी बोलते हैं। इसके अलावा यहां उर्दू, तमिल और तेलुगु भी बोली जाती है।
मॉरीशस को मिनी इंडिया कहे जाने का मुख्य कारण यह है कि यहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। आजादी से पहले यूपी और बिहार से बड़ी संख्या में लोगों को मजदूरी के लिए यहां लाया जाता था। इसलिए, भाषा और बोली के अलावा, मॉरीशस में बड़ी संख्या में लोग भारतीय परिधान पहने नजर आएंगे, जो विदेश में लघु भारत होने का एहसास कराता है।
पीएम मोदी अगले माह जाएंगे मॉरीशस: यहां 70 फीसदी आबादी भारतीय मूल की, हिंदी के साथ भोजपुरी भी बोली जाती है
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