नई दिल्ली। भारत सरकार अवैध घुसपैठ को रोकने और घुसपैठियों को कड़ी सजा देने के लिए भारत सरकार जल्द ही संसद में आव्रजन और विदेशी विधेयक 2025 पेश कर सकती है। मसौदा विधेयक के अनुसार यदि कोई व्यक्ति वैध दस्तावेजों (वीजा और पासपोर्ट) के बिना भारत में प्रवेश करता है, तो उसे सात साल तक जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
विधेयक के अनुसार यदि कोई विदेशी नागरिक फर्जी पासपोर्ट या फर्जी वीजा के साथ भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 2 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास की सजा हो सकती है। ऐसे व्यक्ति पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। विधेयक में यह भी प्रावधान है कि किसी भी विदेशी नागरिक को, जिसके बारे में पुलिस को संदेह हो कि उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 58 का उल्लंघन किया है तथा कोई गंभीर अपराध किया है, पुलिस बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है तथा यह गिरफ्तारी हेड कांस्टेबल या उससे ऊपर के स्तर के किसी भी अधिकारी द्वारा की जा सकती है।
इतना ही नहीं परिवहन कंपनी विधेयक के मसौदे में सरकार ने परिवहन कंपनियों, एयरलाइन कंपनियों, शिपिंग कंपनियों और अन्य परिवहन वाहनों के संचालकों की जिम्मेदारियां भी निर्धारित की हैं। विधेयक में प्रावधान है कि इन कंपनियों और ऑपरेटरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल उन्हीं यात्रियों को भारत लाएं जिनके पास वैध दस्तावेज हों। अगर कोई कंपनी अवैध रूप से किसी यात्री को भारत लाती है तो उसे 2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। हालांकि, इन कंपनियों को भी इस मामले में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
सरकार ने विधेयक में यह भी प्रावधान किया है कि विश्वविद्यालय, अस्पताल या कोई भी संस्थान यदि किसी विदेशी को रोजगार या प्रवेश देता है तो उसे इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। नये कानून में यह भी प्रावधान है कि सरकारी एजेंसियां सुरक्षा कारणों से किसी भी विदेशी नागरिक की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा सकती हैं और इस प्रतिबंध के कारणों में किसी भी देश के साथ भारत के संबंध भी शामिल होंगे। इसके तहत भारत सरकार भी भारत में प्रवेश और निकास के लिए कहीं भी आव्रजन चौकियां स्थापित कर सकती है।
इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार कुछ मामलों में अपराधी को अदालत जाने के बजाय केवल जुर्माना देकर मामले को सुलझाने की सुविधा दी जाएगी, लेकिन किन मामलों में विदेशी नागरिक को यह सुविधा प्रदान की जाएगी, इसका निर्णय सरकारी एजेंसियां करेंगी। यह नया विधेयक चार पुराने कानूनों – विदेशी अधिनियम (1946), पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम (1920), विदेशी पंजीकरण अधिनियम (1939) और आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम (2000) को निरस्त कर देगा।
नया विधेयक सभी आव्रजन-संबंधी नियमों को एक व्यापक कानून के अंतर्गत लाएगा, जिससे प्रक्रियाएं सरल और स्पष्ट हो जाएंगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी और अवैध घुसपैठ रुकेगा। इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि कोई भी विदेशी बिना वैध परमिट के किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेगा।
भारत सरकार ने कहा है कि चारों कानूनों को हटाकर सभी नियमों को एक विधेयक के अंतर्गत लाया जा रहा है, क्योंकि यद्यपि पुराने कानूनों का उद्देश्य एक ही है, लेकिन कुछ प्रावधान एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं, जिससे भ्रम और जटिलता पैदा होती है। जिसके चलते सरकार ने इन चारों पुराने कानूनों को निरस्त कर एक नया, स्पष्ट और प्रभावी कानून लाने का फैसला किया है, जिसे आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 कहा जाएगा और इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य विदेशियों और आव्रजन से संबंधित सभी मामलों को एक ही कानून के तहत लाना और भारत में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों को अनिवार्य बनाना है।