सूरत। क्राइम रिकन्ट्रक्शन के बहाने आरोपियों का जुलूस निकालने पर गुजरात मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है। एक वकील की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने सूरत के पुलिस कमिश्नर को नोटिस देकर 30 दिनों के भीत जवाब मांगा है। सूरत के वकील आरडी मेंदपरा ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत करते हुए कहा है कि सूरत में पुलिस आरोपियों का जुलूस निकालती है, जो गैरकानूनी है। आरोपियों की पहचान को गुप्त रखा जाना चाहिए। गुजरात पुलिस आरोपियों का जुलूस निकालकर गुप्तता का उल्लंघन कर रही है। आरोपी को जब तक कोर्ट द्वारा दोषी नहीं ठहराया जाता है, जब तक इस प्रकार का जुलूस निकालना अनुचित है। पुलिस भले ही कहे कि आरोपी को रिकन्ट्रक्शन के लिए ले जा रही है, पर जब तक आरोप साबित न हो जाए तब तक सड़क पर जुलूस निकालकर घुमाना, वीडियोग्राफी करना और उसका सोशल मीडिया पर प्रचार करना गैरकानूनी है। मानवाधिकार आयोग ने वकील आडी मेंदपरा की शिकायत को ध्यान में रखते हुए सूरत पुलिस को नोटिस भेजकर 30 दिनों के भीतर जवाब मांगा है।