नई दिल्ली। मणिपुर में सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बीरेन सिंह भाजपा सांसद संबित पात्रा, मणिपुर सरकार के मंत्रियों और विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे। इस फैसले से पहले वह दिल्ली गए और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उनके इस्तीफे के बाद गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।
लंबे समय से ऐसी खबरें आ रही थीं कि बीरेन सिंह मुद्दे पर भाजपा विधायक नाराज हैं। मणिपुर में भाजपा के 19 विधायकों ने अक्टूबर 2024 में बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद सिंह शामिल हैं। पत्र में कहा गया है कि मणिपुर के लोग भाजपा सरकार से सवाल कर रहे हैं कि राज्य में अभी तक शांति क्यों नहीं स्थापित हो पाई है। मांग की जा रही है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया तो विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए।
मणिपुर में 3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद यह हिंसा लगातार दो वर्षों तक जारी है। हिंसा न केवल मणिपुर के लिए बल्कि देश के लिए एक गंभीर मुद्दा बन गई है। राज्य में दो समुदायों के बीच बढ़ते तनाव के कारण कई हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जान चली गई है और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। दोनों समुदायों के बीच भूमि, आरक्षण और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इन सब घटनाक्रमों के बीच एक समुदाय राज्य सरकार पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगा रहा है। पिछले कुछ महीनों में राज्य में कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं हुई हैं, जिससे कई लोग प्रभावित हुए हैं। केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।