नई दिल्ली। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया। बिहार भाजपा ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कामेश्वर चौपाल की मौत की पुष्टि की है। राम जन्मभूमि निर्माण के ट्रस्टी और बिहार के पूर्व विधान परिषद सदस्य कामेश्वर चौपाल ने 68 वर्ष की उम्र में नई दिल्ली में अंतिम सांस ली। परिजनों ने बताया कि गुरुवार मध्य रात्रि अस्पाल मंे उन्होंने दम तोड़ दिया। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।
बिहार भाजपा ने सोशल मीडिया(X) पर पोस्ट करके कहा- राम मंदिर निर्माण की पहली ईंट रखने वाले पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थायी सदस्य और विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष कामेश्वर चौपाल का निधन एक बड़ी सामाजिक क्षति है। उन्होंने अपना पूरा जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में लगाया। वे मां भारती के सच्चे सपूत थे। उन्हें प्रथम कारसेवक का दर्जा प्राप्त था।
खबरों के अनुसार कामेश्वर चौपाल ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें संघ के प्रथम कारसेवक का दर्जा भी प्राप्त है। कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। बिहार भाजपा में कामेश्वर चौपाल का कद काफी बड़ा था। अपनी साफ-सुथरी छवि के कारण वे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे। कामेश्वर चौपाल अयोध्या में राम मंदिर के लिए पूरी तरह समर्पित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया (X) पर लिखा है- भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। वे एक अनन्य रामभक्त थे, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बहुमूल्य योगदान दिया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले कामेश्वर जी समाज के वंचित समुदायों के कल्याण के कार्यों के लिए भी हमेशा याद किए जाएंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!