चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। दोनों पार्टियां मिलकर भी भाजपा को नहीं हरा सकीं। भाजपा प्रत्याशी हरप्रीत कौर बावला ने 19 वोटों से चुनाव जीत लिया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी की मेयर प्रत्याशी प्रेमलता को 17 वोट मिले। मतदान के शुरुआत में मतपत्रों को लेकर भारी हंगामा हुआ। चंडीगढ़ के वार्ड नंबर 1 से आम आदमी पार्टी के पार्षद ने मतपत्र पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि उनके मतपत्र पर एक बिंदु था। इस आरोप के साथ उन्होंने एक और मतपत्र की मांग की। उधर, तीन पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में क्राॅस वोटिंग की।
भाजपा को जीत मिलने के बाद मेयर हरप्रीत कौर बावला के पति और भाजपा उपाध्यक्ष देविंदर सिंह बावला ने कहा कि हमें जीत का पूरा भरोसा था। हमें पता था कि ऐसा ही होगा।
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल सदस्यों की संख्या 35 है। नगर पालिका के 35 पार्षदों के साथ चंडीगढ़ के सांसद भी महापौर चुनाव में मतदान करते हैं। कुल 36 वोट हैं और 100 प्रतिशत मतदान हुआ है। चुनाव जीतने के लिए 19 वोटों की आवश्यकता होती है। संख्या बल की बात करें तो 16 पार्षदों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि, भाजपा को हराने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन किया और मिलकर चुनाव लड़ा था। कोई भी वोट रद्द न हो और कोई क्रॉस वोटिंग न हो। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही मतदान से पहले अपने-अपने पार्षदों को रिसॉर्ट में ठहराया था। आम आदमी पार्टी के पार्षद पर जहां पंजाब पुलिस की नजर थी, वहीं कांग्रेस पार्षद पर पार्टी के वरिष्ठ नेता नजर रखे हुए थे। पिछले वर्ष मेयर चुनाव में हुई अराजकता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जयश्री ठाकुर को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।