नई दिल्ली। मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। यह अमेरिकी कोर्ट में भारत की बड़ी जीत है। अगस्त 2024 में अमेरिकी कोर्ट ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने का आदेश दिया था। निचली अदालत ने पिछले साल सितंबर में ही तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था। हालांकि, राणा ने निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद शुक्रवार को इसको लेकर फैसला आया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को जारी रखते हुए उसके भारत प्रत्यर्पण की मंजूदी दे दी है। अब इस आतंकी को हिंदुस्तान लाया जाएगा। उसका ट्रायल शुरू होगा। 26/11 हमले की जो उसकी साजिश थी, उसकी पूछताछ होगी।
भारत ने अमेरिकी कोर्ट में मजबूत सबूत पेश किए थे, जिनमें राणा की संलिप्तता साफ देखी पाई गई थी। राणा को 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था। एफबीआई ने उसे गिरफ्तार किया था। राणा को पाकिस्तान की आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव बताया गया है।
बता दें, 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे। इसमें कई विदेशी भी थे। इसके अलावा 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। लश्कर के 10 आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया था। इसमें से 9 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था। आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई आए थे। आतंकियों ने होटल ताज, नरिमन प्वाइंट्स, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, होटल ओबेरॉय ट्राइडेंट जैसे स्थानों को निशाना बनाया था।
तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने 26/11 के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी। हेडली के इशारे पर ही पूरी साजिश को अंजाम दे रहा था। बताया जाता है कि कंट्रोल रूम में जो शख्स बैठा था, वो तहव्वुर राणा ही था। अब मुंबई हमले के दोषी राणा के भारत आने के बाद जांच एजेंसियां 26/11 की साजिश को बेपर्दा करेंगी।
भारत की बड़ी जीत, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी
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