सूरत। सूरत में भगवान शिव का एक अनोखा मंदिर है जहां शिवलिंग जीवित केकड़े चढ़ाए जाते हैं। लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर भगवान को केकड़ा चढ़ाते हैं। उत्तरायण के बाद हजारों लोग उमरा में स्थित रामनाथ घेला मंदिर में आते हैं और शिवलिंग पर केकड़ा चढ़ाते हैं। भगवान शिव को आमतौर पर दूध, फूल, शहद और बिल्वपत्र चढ़ाए जाते हैं, जबकि रामनाथ घेला मंदिर में माघ कृष्ण पक्ष की एकादशी को शिवलिंग पर केकड़ा चढ़ाने की पुरानी परंपरा है।
लोकोक्ति के अनुसार शारीरिक बीमारी, विशेषकर कान से संबंधित रोग होने पर रामनाथ घेला मंदिर में मन्नत मानने से रोग ठीक हो जाता है। रोग ठीक होने के बाद भक्त शिवलिंग पर केकड़ा चढ़ाते हैं। आज माघ कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन लोगों सुबह से ही केकड़ा लेकर मंदिर में पहुंचने लगे। रामनाथ घेला मंदिर में सुबह से केकड़ा चढ़ाने वालों की लंबी कतार लग गई। सूरत के अलावा मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली से भी श्रद्धालु केकड़ा चढ़ाने यहां आते हैं।
यह मंदिर अत्यंत प्राचीन है और अलौकिक घटनाओं से जुड़ा है। लोककथा के अनुसार, भगवान राम ने तर्पण कर रहे थे तो उन्हें कोई ब्राह्मण नहीं मिला। उन्होंने समुद्र से ब्राह्मण के रूप में प्रकट होने का अनुरोध किया। समुद्र ब्राह्मण के रूप में प्रकट हुए और भगवान राम ने तर्पण किया। इसी बीच समुद्र की लहरों से कई जीवित केकड़े बहकर शिवलिंग पर आ गिरे। समुद्र देव ने भगवान श्रीराम से इन प्राणियों को बचाने की विनती की। भगवान राम ने वर दिया कि यहां शिवलिंग पर जो केकड़ा चढ़ाएगा उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी, तभी से इस मंदिर का नाम रामनाथ घेला महादेव मंदिर पड़ गया। यहां साल में एक बाद केकड़ा चढ़ाने की परंपरा है।